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बैरिया (बलिया)। सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे के अधिकारियों की कृपा से गैर लाइसेंसी अवैध वेंडरों की भरमार है. जो खाने-पीने के सामान प्लेटफार्मों पर बेचते हैं, ट्रेनों के आने पर ट्रेन में भी घुसकर खाने-पीने का सामान व पानी बोतल बेचते देखे जाते हैं.
बता दें कि जब भी बड़े अधिकारी सुरेमनपुर में निरीक्षण में आते हैं प्लेटफार्म के सभी ठेले, खोमचे व ट्रालियों जो खानपान की सामग्री बेचती है वे गायब हो जाती है. अधिकारी के जाने के बाद पुन: उक्त लोग प्लेटफार्म पर पहले की तरह ठेला, ट्राली व खोमचा लगा लेते हैं. पूछने पर यहां ठेला लगाकर भूजा बेचने वाला एक वेंडर ने बताया कि एक ठेला का 1800 रुपये महीना हम लोगों को देना पड़ता है. जिसमें बलिया से लेकर वाराणसी तक के अधिकारियों का हिस्सा है. इस तरह सुरेमनपुर स्टेशन से लगभग 50 हजार रुपये प्रति माह अधिकारियों की जेब में जाता है. जिसे न तो कोई रोकने वाला है न टोकने वाला. पूछने पर यहां ठेला लगाने वाले विक्रेता कहते हैं कि हम लोगों ने रेलवे से इसके लिए लाइसेंस ले रखा है. जबकि रेलवे के नियम कानून के जानकार लोग ऐसी किसी भी तरह की व्यवस्था का नहीं होने की बात कहते हैं.
यह स्थिति अकेले सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन की नहीं है. यात्रियों की संख्या के हिसाब से हर छोटे-बड़े ग्रामीण रेलवे स्टेशनों पर जहां रेलवे ने खानपान का ठेका नहीं दे रखा है, वहां इसी तरह की व्यवस्था चलती है.