भागवत श्रवण से मनुष्य का बदलता है जीवन

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दुबहड़(बलिया)। क्षेत्र के नगवा गांव में पिछले कई दिनों चित्रसेन बाबा के स्थान पर हो रहे श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन शनिवार की देर शाम पंडित संजय कुमार पांडेय ने कहा कि भगवान के नाम लेने से ही कलयुग में जीवों को मुक्ति मिल सकती है. उन्होंने प्रभु के नाम की महिमा का बखान करते हुए कहा कि संसार मे अधम से अधम व्यक्ति भी नाम के जपने से गोलोक के वासी हुए. जिसका उदाहरण गणिका, गिद्ध और अजामिल पुराणों में वर्णित हैं. उन्होंने उपस्थित लोगों को सलाह भी दिया कि वर्तमान समय में जो लोग अपने बच्चे का नाम बिटू कीटू आदि रखते हैं, उन्हें इसके बजाय धर्म ग्रंथों के आधार पर अपने बाल बच्चों का नाम रखना चाहिए. इससे घर में धार्मिक वातावरण का सृजन होता है. नाम के प्रभाव का भी मनुष्य के जीवन में काफी असर पड़ता है. नाम के बल पर ही व्यक्ति गलत रास्ते पर जाने से बचता है. क्योंकि कदम कदम पर उसे पाप पुण्य का एहसास उसके नाम के आधार पर ही होता रहता है. जिसके नाम ईश्वर के नाम पर आधारित होते हैं. वह व्यक्ति निश्चित रूप से परोपकारी होता है.

कहा कि परोपकार से बढ़कर जीवन में दूसरा कोई कार्य नहीं, परोपकार करने वाले को दुनिया में किसी प्रकार की कोई कष्ट और असुविधा नहीं होती है. क्योंकि जो समाज के लिए करता है, समाज उसके लिए करने को सदैव तत्पर रहता है. कथा के दौरान उन्होंने कई प्रसंग और गीत सुनाकर लोगों को भक्ति के वातावरण में गोता लगाने को मजबूर कर दिया. उन्होंने कथा के दौरान कहा कि भागवत कथा सभी मानव जीवन की दुखों का समूल नष्ट करती है. इसलिए प्रत्येक प्राणी को जीवन में भागवत कथा का श्रवण निश्चित रूप से करना चाहिए जहां भी कथा सुनाई दे व्यक्ति को निश्चिंत भाव से उस कथा का श्रवण करना चाहिए. भागवत के श्रवण करने से व्यक्ति के जीवन में तुरंत बदलाव देखने को मिलता है. भागवत आधारित आचरण करने वाला व्यक्ति समाज के लिए ही प्रिय नहीं बल्कि ईश्वर का भी प्रिय हो जाता है. उन्होंने भक्त प्रहलाद विभीषण ध्रुव सभी की कहानी को उपस्थित श्रोताओं को विस्तार से सुनाया. इस मौके पर मुख्य रूप से पंडित अश्वनी कुमार उपाध्याय, मंगल पांडे विचार मंच के संरक्षक अरुण सिंह, सूर्यनारायण पाठक, पारसनाथ पाठक, बिष्णु दयाल पांडेय, उमाशंकर पाठक, पप्पू पांडेय, काशी नाथ यादव, आदित्य पाठक, मनीष पांडेय, पंकज कुमार आदि लोग रहे.