बढ़ती जनसंख्या एवं भौतिक विकास के फलस्वरूप प्रकृति का असीमित दोहन: प्रो. कुमार

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बसंतपुर में सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवा दिन कार्यक्रम सम्पन्न

बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बसंतपुर बलिया के कैंपस में गांधी महाविद्यालय मिड्ढा-बेरुआरबारी बलिया के राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवा दिन कार्यक्रम का शुरुआत विश्वविद्यालय परिसर की साफ-सफाई से हुआ. बौद्धिक कार्यक्रम संगीता और अजीत कुमार की वाणी वंदना से प्रारंभ की गई. अतिथिगण का स्वागत गीत के माध्यम से अमृता चौहान एवं अंजली ने किया. कार्यक्रम अधिकारी डॉ रवि भूषण मिश्र ने अतिथिगण का स्वागत किया. आज का विषय ‘पर्यावरण प्रदूषण’ पर नीरज, कुबेर, अभिषेक, ममता, प्रीति इत्यादि ने विचार व्यक्त किया.
मुख्य अतिथि श्रीबजरंग पीजी कॉलेज दादर आश्रम के समाजशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर कुमार सिंह ने कहा कि प्राचीन काल में प्रकृति और मानव के बीच भावनात्मक संबंध था. मानव अत्यंत कृतज्ञ भाव से प्रकृति के उपहारों को ग्रहण करता था. प्रकृति के किसी भी अवयव को क्षति पहुंचाना पाप समझता था. बढ़ती जनसंख्या एवं भौतिक विकास के फलस्वरूप प्रकृति का असीमित दोहन प्रारंभ हुआ. जिसके फलस्वरुप पृथ्वी का अस्तित्व संकटग्रस्त होता जा रहा है. प्रदूषण रोकने में वृक्षों का सबसे बड़ा योगदान है. उन्होंने स्वयंसेवक एवं स्वयं सेविकाओं को अधिकाधिक वृक्षारोपण हेतु प्रेरित किया.
विशिष्ट अतिथि गांधी महाविद्यालय, बलिया के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रमोद शंकर पांडेय ने पर्यावरण प्रदूषण के कारण एवं निवारण पर विस्तार से चर्चा किया. इस मौके पर सुधीर कुमार मिश्र, राज नारायण तिवारी, प्रवीण मिश्रा संजय सिह, जयमुनी इत्यादि कर्मचारियों की उपस्थिति रही. कार्यक्रम का संचालन डॉ. मीरा पांडेय ने किया.