मकर संक्रांति पर हजारों ने लगाई डुबकी, घाट भोर से ही रहे गुलजार

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दीपदान के साथ अन्न, वस्त्र, तील, गुड़ किया दान

बलिया। सूर्य के मकर रेखा पर जाने के उपलक्ष्य में 15 जनवरी दिन मंगलवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नदियों एवं पवित्र सरोवरो में डुबकी लगाई. स्नान के बाद दीपदान किया और भास्कर भगवान को अर्घ्य दिया. ब्राहमणों एवं दरिद्र नारायण को अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़ दान किया.
मंगलवार को सुबह गंगा, तमसा के संगम पर हजारों श्रद्धालुओं ने कड़ाके की ठंड में हर-हर गंगे बोलकर स्नान किया. ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति पर गंगा का नाम लेकर स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं, और सूर्य को अर्घ्य देने से बल, बुद्धि तथा ऐश्वर्य की वृद्धि होती है. कड़ाके की ठंड के कारण श्रद्धालु धूप निकलने के बाद ही स्नान किया. स्नान करने का क्रम दोपहर तक चलता रहा. नहाने के बाद लोगों ने मंदिरों में जाकर मत्था टेका. सूर्य के मकर रेखा पर जाने के साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे.
स्नान करने के साथ मकर संक्रांति पर तिल से बने खाद्य सामग्री दान देने का ज्यादा महत्व है, इसलिए श्रद्धालुओं ने तिल से बने लड्डू, तिलवा तथा खिचड़ी का सामान दान किया. सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही. बाहर आने पर लोगों ने श्रद्धा के साथ जरूरतमंदों में अन्न, वस्त्र तथा पैसा दान किया.