वत्‍सला सिंह ने डीएम पति धर्मेंद्र कुमार पर लगाए कई गंभीर आरोप

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कहा-किसी और के लिए बदला उनका व्‍यवहार, डिप्रेशन में हूं, मेरे साथ अगर कुछ होता है तो जिम्‍मेवार धर्मेंद्र कुमार होंगे

पटना। जमुई के डीएम धर्मेंद्र कुमार की पत्‍नी वत्‍सला सिंह ने पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर अपने पति पर कई गंभीर आरोप लगाये और कहा कि धर्मेंद्र कुमार का व्‍यवहार शादी के तुरंत बाद से बदल गया था. बाद में पता चला कि उत्तर प्रदेश की एक महिला पीसीएस अधिकारी से सुबह चार बजे तक बातें किया करते थे. इसकी जानकारी मुझे हाल के दिनों में किसी के द्वारा बंद लिफाफे में कुछ मोबाइल नंबरों की सीडीआर से मिली. जो कुछ मीडिया संस्‍थानों को भी मिला है. मुझे नहीं पता कि यह किसने भेजा है. पर, इसे देखकर मैं हतप्रभ हूं. इसमें मेरे पति धर्मेंद्र कुमार के कुछ ऐसे नंबर भी हैं, जिसका पता मुझे भी नहीं था. इन नंबरों से वह रात-रात भर उस महिला से बातचीत करते दिख रहे हैं. जबकि इस पीरियड में वे मुझसे बातें नहीं करते थे. मेरा फोन या तो डिसकनेक्‍ट कर देते थे या फिर नंबर ही ब्‍लॉक कर देते थे.
वत्‍सला ने कहा कि उस महिला अधिकारी से धर्मेंद्र पहचान आईएएस परीक्षा की तैयारी के दौरान दिल्ली के पतंजलि आईएएस एकेडमी में हुई थी. उन्‍होंने कहा कि परिजनों के समझाने पर उन्‍होंने कुछ दिनों तक मुझे अपने साथ बाल्‍मीकिनगर/बगहा में अपने साथ रखा. इस दौरान भी वह मुझे यह समझाते रहे कि तुम कहां मेरे साथ जंगल-देहात में रहोगी. वापस चली जाओ और वे देर रात को मुझे अकेले छोड़कर कहीं चले जाया करते थे. मुझे तब लगता था कि सरकारी काम से जाते होंगे. कुछ सरकारी काम भी जरुर रहे होंगे. पर, अब पता चल रहा है कि वे रात को मुझसे दूर जाकर उस महिला से बातें किया करते थे.
वत्‍सला सिंह ने कहा कि वह महिला विवाहिता हैं. इनकी शादी 2007 में इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस के अधिकारी के साथ हुई थी. 10 साल का बच्‍चा तत्‍सम भी है. वत्‍सला ने कहा कि अब मुझे यकीन हो चला है कि मेरे पति धर्मेंद्र कुमार श्रद्धा शांडिल्‍यायन के साथ पहले से रिश्‍ते में थे. मेरे पति धर्मेंद्र कुमार फोन पर भी मुझसे कम ही बात किया करते थे. अधिकांश समय कॉल करने पर फोन को डिसकनेक्‍ट कर दिया करते थे. मुश्किल से जब कभी बात होती थी, तब भी वे बातें ऐसी किया करते थे कि मैं गुस्‍सा हो जाऊं और कुछ बोल दूं. मुझे नहीं पता था कि मेरा पति ही मेरा कॉल रिकार्ड कर रहा है और आगे तलाक के बहाने तलाश रहा है. अब मुझे जानकारी मिल रही है कि उन्‍होंने जिस कनवर्सेशन को रिकार्ड किया है, उसे डॉक्‍टर्ड कर सबूत के तौर पर पेश किया जा रहा है.
उन्‍होंने कहा कि साल 2016 के प्रारंभ से ही मेरे पति तलाक की बहुत जल्‍दी में थे. पर, मैंने कभी रजामंदी नहीं दी. मुझे क्‍या पता था कि मेरे पति तलाक के लिए जितनी हड़बड़ी में हैं, उतनी ही हड़बड़ी में यूपी में श्रद्धा शांडिल्‍यायन हैं. अब मालूम चला है कि जब लखनऊ फैमिली कोर्ट में उनकी तलाक लेने की प्रक्रिया में हो रही थी, तब वह बहुत जल्‍दी के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच गई. मामला अब भी लखनऊ फैमिली कोर्ट में लंबित है.
वत्‍सला ने आगे कहा कि मेरे पति धर्मेंद्र कुमार ने मार्च, 2018 में मुझे तलाक देने के लिए पटना में अर्जी दायर की. आप सबों के माध्‍यम से मैं स्‍पष्‍ट करना चाहती हूं कि आज भी मुझे तलाक नहीं लेना है. मैं भारतीय नारी हूं और विवाह की पवित्रता के साथ दोनों परिवारों की इज्‍जत को समझती हूं. मैं चाहती हूं कि मेरे पति भटके रास्‍ते से लौट आएं. मेरे खिलाफ यह आरोप बिलकुल गलत है कि मैं सिर्फ अंग्रेजी बोलती हूं. मुझे हिंदी बोलना आता है. मैं हाई डिमांडिंग भी नहीं हूं. मैंने कभी तीन लाख का पर्स नहीं मांगा. मुझे पता है कि मेरी शादी एक आईएएस अधिकारी से हुई है. मुझे उनके दायित्‍व का भी पता है. ऐसे में मैं कभी कोई गलत मांग कर ही नहीं सकती.
उन्‍होंने डीएम के परिवार वालों पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे पिता विनय सिंह ने शादी में उनके घरवालों की हर मांग पूरी की. शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष से मेरे माता-पिता पर अनावश्‍यक दबाव बनाया जाता रहा है. जब कभी मेरे माता-पिता मना करते थे, तो तलाक दे देने की धमकी दी जाती थी. पर, पति की इज्‍जत और रिश्‍ते को बचाने के लिए मैं चुप रहा करती थी. उसके बाद उनके परिवार वालों ने कई तरीकों की नई मांग शुरु कर दी. मेरे पिता ने बोरिंग रोड का एक मकान मेरे नाम गिफ्ट किया था. धर्मेंद्र और उनके परिवार वाले चाहते थे कि यह मकान मैं तुरंत उनके नाम ट्रांसफर कर दूं. जब मैंने थोड़ा वक्त देने को कहा, तो मुझे टॉर्चर किया जाने लगा.

वत्‍सला ने कहा कि मेरे पति किसी न किसी बहाने मुझे अपने साथ नहीं रख रहे थे. मैं हमेशा उनके साथ रहने को तैयार रही हूं और आज भी हूं. शादी के बाद परीक्षा के लिए जब मैं दिल्ली में थी, तब ऐसा वाकया भी हुआ कि दिल्ली आए मेरे पति धर्मेंद्र कुमार ने मुझे मिलने को बहुत दूर किसी वीरान स्थान पर बुलाया. जब मैं वहां गूगल मैप के माध्यम से पहुंची, तो उन्होंने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया किसी तरीके से मैं सुरक्षित वापस आ पाई. पिछले 21 नवंबर को मैं अपने पति के साथ रहने को जमुई गई थी. पर वहां मुझे घर के भीतर नहीं जाने दिया गया. रात तक बाहर मैं जमीन पर मां के साथ बैठी रही. बाद में जिला प्रशासन ने कहा कि छह दिसंबर तक बात करा दी जाएगी. अब मैं बहुत डिप्रेशन में जी रही हूं. ऐसे में, मेरी जिंदगी के साथ कुछ भी हो सकता है और इसके जिम्‍मेवार मेरे पति,उनके घरवाले और श्रद्धा शांडिल्‍यायन होंगी.
अंत में वत्‍सला ने कहा कि मैंने पूरे मामले की शिकायत प्रधानमंत्री, बिहार-यूपी के मुख्‍यमंत्री, बिहार-यूपी के चीफ सेक्रेट्री, केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्रालय से की है. मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का प्रयास भी कर रहीं हूं. मेरी शिकायतों की अब तक ठोस जांच नहीं की गई है. मेरे पति अपने प्रभाव से जांच को प्रभावित करते हैं. मेरी मांग है कि मेरी शिकायतों की जांच में उनके बैच के किसी आईएएस-आईपीएस अधिकारी को शामिल न किया जाए. कोर्ट भी जा रही हूं. उन्‍होंने ये भी कहा कि वे आज भी अपने पति के साथ रहना चाहती हैं. फिर से जमुई जाकर प्रयास करेंगी. लेकिन कोई सफलता नहीं मिली और तो उनकी जिंदगी के साथ किसी भी अनहोनी के लिए डीएम धर्मेंद्र कुमार और उनका परिवार जिम्‍मेवार होगा. मेरा पूरा परिवार भी सदमे में है. संवाददाता सम्‍मेलन में वत्‍सला सिंह के पिता विनय सिंह और मां भी मौजूद रहीं.