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दूसरे स्थान पर आजमगढ़ व तीसरे स्थान पर रहा बिहार
पहले चक्र का शुभारंभ जिलाधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर प्रतियोगिता की शुरुआत
बलिया। ऐतिहासिक ददरी मेले के नंदी ग्राम व मीना के बीच आयोजित चेतक प्रतियोगिता में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ रही. प्रतियोगिता में देवरिया के मो. शेर अली अंसारी का घोड़ा अव्वल रहा. अंसारी के घोड़े ने सभी को पछाड़ते हुए शील्ड पर कब्जा जमा लिया. दूसरे स्थान पर आजमगढ़ के बिलरियागंज के इरशाद अहमद का घोड़ा व तीसरे स्थान पर बिहार के बैशाली के रणवीर यादव मुखिया का घोड़ा रहा. सांत्वना पुरस्कार गोरखपुर के चंद्रशेखर यादव के घोड़े को मिला.
मेले में आयोजित चेतक प्रतियोगिता को देखने के लिए हजारों की भीड़ जुटी. पहले चक्र का शुभारंभ जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने हरी झंडी दिखाकर प्रतियोगिता की शुरुआत की. इस राउंड में आठ घोड़ों ने भाग लिया. चार चक्र में हुई दौड़ में प्रथम स्थान आजमगढ़ व द्वितीय स्थान मुज्जफरपुर बिहार का घोड़ा आया. द्वितीय राउंड में वैशाली का घोड़ा प्रथम व द्वितीय स्थान पर मुजफ्फरपुर का घोड़ा आया. तृतीय राउंड में पटना अनंत सिंह विधायक का घोड़ा प्रथम व द्वितीय आजमगढ़ का घोड़ा रहा. चतुर्थ राउंड में देवरिया का घोड़ा प्रथम व गोरखपुर का द्वितीय स्थान पर रहा. फाइनल में इरशाद अहमद, आजमगढ़, रामसूरत राय मुज्जफरपुर, रणवीर यादव मुखिया बैशाली, हरिबंश राय मुज्जफरपुर, अनंत सिंह पटना, हरेराम सोफा आजमगढ़, मो. शेर अली अंसारी देवरिया व चंद्रशेखर यादव गोरखपुर के घोड़ों ने भाग लिया.
विशिष्ट अतिथि एसपी श्रीपर्णा गांगुली ने हरी झंडी दिखाकर फाइनल राउंड की शुरूआत की. इसमें देवरिया का घोड़ा सभी को पछाड़ते हुए आगे निकल गया. वहीं आजमगढ़ का घोड़ा द्वितीय व तीसरे स्थान पर रहा बैशाली का घोड़ा. गोरखपुर के घोड़े को संत्वना पुरस्कार दिया गया. निर्णायक मंडल में रवींद्र नाथ राय, अभिनंनद गुप्ता संतोष सिंह थे. जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत, पुलिस अधीक्षक श्रीपर्णा गांगुली, विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव पूनम कर्णवाल, नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष अजय कुमार व ईओ दिनेश विश्वकर्मा ने विजेता घोड़ों के घुड़सवारों को साफा बांध कर शील्ड प्रदान किया. आयोजक ने मेला में हर साल आने वाले घोड़ा स्वामियों को भी सम्मानित किया. सुरक्षा को लेकर कोतवाल शशिमौलि पाण्डेय व मेला इंचार्ज विवेक पाण्डेय तत्पर रहे.
चेतक प्रतियोगिता का फाइनल खत्म होने के बाद कुछ घोड़ा स्वामी डीएम से फिर से दौड़ कराने की मांग करने लगे. इस पर निर्णायक मंडल ने ऐसा करने से मना कर दिया. इस पर जिलाधिकारी ने घोड़ा स्वामियों से मित्रता घोड़ा दौड़ कराने का आदेश दिया. इसमें मुज्जफरपुर के हरिबंश राय का घोड़ा प्रथम, इरशाद आजमगढ़ का घोड़ा द्वितीय स्थान पर आया. द्वितीय चरण की दौड़ में प्रथम आए 9 नम्बर के घोड़े की चाल खराब होने के कारण निर्णायक मंडल ने द्वितीय नम्बर दे दिया. वहीं 29 नंबर को खराब चाल के कारण बाहर कर दिया. इसको लेकर दर्शकों ने हो हल्ला भी किया.