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आशा ज्योति केंद्र व महिला हेल्पलाइन 181 के प्रयास ने परिवार में लौटाई खुशी
बलिया। एक अत्यंत गरीब परिवार को उसकी पांच महीना पहले भूली अम्पा नामक बच्ची ‘आशा ज्योति केंद्र’ के सहयोग से गुरुवार को वापस मिल गई.
रसड़ा क्षेत्र के अखनपुरा मुसहर बस्ती निवासी गिरिजा नाथ की 7 वर्षीय बच्ची पाँच-छह महीने पहले बलिया रेलवे स्टेशन से खो गई थी. बाल संरक्षण इकाई, आशा ज्योति केंद्र व महिला हेल्पलाइन 181 के प्रयास से गुरुवार को जैसे ही वह बच्ची अपने माँ-बाप से मिली, दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बच्ची के परिजन भी सरकार की योजना को धन्यवाद देते नहीं थक रहे थे.
अखनपुरा निवासी 7 वर्षीय अम्पा के माता-पिता काफी गरीब हैं और दातुन बेचकर अपनी जीविका चलाते हैं. करीब पांच-छह महीनों पहले बलिया रेलवे स्टेशन पर से अम्पा गुम हो गई थी. वह गलती से किसी ट्रेन में बैठ कर चली गई. कुछ दिन बाद नई दिल्ली में वह मिली तो उसे वहीं के बालिका गृह में रखा गया था.
पहले तो घबड़ाहट में वह अपना पता भी नहीं बता पा रही थी. लेकिन बाद में जब वह रसड़ा बलिया का नाम ली तो यहां के बाल संरक्षण समिति से संपर्क किया गया. पता के रूप में बलिया की पुष्टि होने के बाद दिल्ली पुलिस उस बच्ची को लेकर बलिया आई और एक अक्टूबर को यहां की बाल संरक्षण समिति को सुपुर्द कर दिया.
बाल संरक्षण समिति के आदेश पर ‘आपकी सखी आशा ज्योति केंद्र’ व 181 महिला हेल्पलाइन की टीम ने बच्ची को रसड़ा क्षेत्र में उसके बताए लोकेशन पर ले गई. काफी प्रयास के बाद बच्ची के परिजनों का पता लगा लिया गया. गुरुवार को बाल संरक्षण इकाई में उसके माता-पिता को बुलाकर अम्पा को उसके घर भेज दिया गया. अप्पा के मिलते ही उसके माता-पिता के चेहरे खुशी से खिल उठे.