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रामगढ़(बलिया)। गंगा के मीडियम फ्लड लेवल के करीब पहुंचने के साथ ही करीब आधा दर्जन गांव के लोग घर में कैद होने केलिए बाध्य हो गए. प्रशासनिक उदासीनता का आलम यह है कि न तो इन पीड़ितों के बीच नाव की सुविधा ही मुहैय्या कराई गई है, न तो संसाधन. ये अपने किराये के नाव से अपने सामानों को किसी तरह सड़क पर पहुँचा रहे है. हर साल बाढ़ आने से पहले शासन प्रशासन से लेकर क्षेत्रीय विधायक व सांसद यह आश्वासन देने लगते है कि बाढ़ व कटान को रोकने व सहायता उपलब्ध कराने के लिए आश्वासन ही देते हैं. बेबस व लाचार कटान पीड़ित परेशानी झेलने के लिये हर साल मजबूर हो जाते है. गंगा नदी का पानी फैलने के चलते सुघर छपरा, केहरपुर, चौबे छपरा लाला बगीचा, सोनार टोला गंगापुर, मझौवां, गरायां, बदिलपुर सहित दर्जन भर गाँवो की लाखों की आबादी प्रभावित है. अभी जिला प्रशासन इन पीड़ितों को मदद पहुँचाने का मंसौदा ही बना रहा है. कुछ एक जगहों पर इक्का दुक्का नाव की व्यवस्था की गई हैं जो नाकाफी. जिसके चलते कटान पीड़ितों को दैनिक दिनचर्या से लेकर भोजन पर भी आफत आ गयी है. केंद्रीय जल आयोग गयाघाट के अनुसार गंगा का जल स्तर 58.70 मीटर दर्ज की गई साथ ही आधा सेंटीमीटर का बढ़ाव बना हुआ है. जो कि मीडियम फ्लड लेवल 58.72 है.