बाढ़ क्षेत्रों में राशन व चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ रखने के निर्देश

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डीएम ने बाढ़ क्षेत्रों का किया निरीक्षण, कहा बाढ़ चौकियां रहें सक्रिय

सहतवार(बलिया)। घाघरा लाल निशान से ऊपर बह रही है. इससे कई गांव पानी से घिर गए हैं. इसको देखते हुए डीएम भवानी सिंह खंगारौत ने बाढ़ चौकियों को पूरी तरह सक्रिय रहने का निर्देश दिया है. चिकित्सक, पशु चिकित्सक के साथ राजस्व व आपूर्ति विभाग को भी बाढ़ क्षेत्रों में राहत कार्य के लिए तैयार रहने को कहा है.
गुरुवार को जिलाधिकारी ने चांदपुर में बाढ़ चौकी का निरीक्षण किया. बाढ़ के दौरान व पानी उतरने के बाद होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए ग्रामीणों ने आदमी व पशु चिकित्सक को चौकी पर तैनात करने की मांग की. जिलाधिकारी ने एसडीएम को निर्देश दिया कि सीएमओ से सम्पर्क कर रेवती, बांसडीह व सहतवार के अस्पतालों के डॉक्टरों की ड्यूटी यहां लगवाएं. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को भी निर्देश दिए कि पशु डॉक्टरों की भी बाढ़ क्षेत्रों में मुस्तैदी सुनिश्चित कराएं. जिलाधिकारी ने कहा कि राशन वितरण व चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखना है. संबंधित अधिकारी इसकी पूरी तैयारी रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल राहत पहुंचाई जा सके.
उन्होंने चांदपुर चौकी से ही जलस्तर के साथ घाघरा नदी पर निर्माणाधीन पुल के बाबत जानकारी ली.
बताया गया कि घाघरा उस पार के आधा दर्जन गांव पानी से पूरी तरह घिरे है. कोलकला गांव भी तीन तरफ से पानी से घिर चुका है. डीएम ने पर्याप्त नाव की व्यवस्था उपलब्ध रखने के निर्देश एसडीएम को दिए. कहा कि सारे कागजात मेंटेन भी रखेंगे, ताकि बाद में नाव व नाविकों के भुगतान में कोई दिक्कत न आए. एक नाविक के पिछले साल के लंबित भुगतान को शीघ्र करने करने का निर्देश दिया. फसल डूब जाने के संबंध में पूछताछ के दौरान एसडीएम सन्त कुमार ने बताया कि जिनकी फसल नष्ट हो चुकी है उनका खसरा बन चुका है. जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे किसानों की सूची शीघ्र जिले पर भेज दें.
इसके बाद रेंगहा पहुचे डीएम ने बाढ़पीड़ितों को आश्वासन दिया कि प्रशासन उनकी हर सुविधा का पूरा ख्याल रखेगा. गांव में जाने वाली सड़क पर एक जगह गड्ढा होने की जानकारी मिलने पर ग्राम प्रधान को निर्देश दिया कि तत्काल वहां मिट्टी भरवा दें. बाढ़ की स्थिति में रहने के लिए टीन शेडयुक्त चबूतरे का निर्माण कराने पर ग्राम प्रधान की सराहना की. इस दौरान एसडीएम संत कुमार, अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड साथ रहे.