अनशनकारी छात्रों को डराने के लिए हवाई फायरिंग, अफरा तफरी

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छात्रों ने रानीगंज बाजार बंदी का आह्वाहन

बैरिया (बलिया)। पीजी कालेज सुदिष्टपुरी के में शुल्क वृद्धि के खिलाफ कालेज के गेट पर आमरण अनशन पर पिछले 36 घंटे से तीन छात्र विकास कुमार गुप्ता, कमलेश कुमार गुप्ता, शहजाद अली बैठे है. बीती रात पौने दस बजे के लगभग अनशनरत छात्रों को डराने के उद्देश्य से हवा में फायरिंग करते गाली देते हुए कुछ युवक बाइक से उनके सामने से गए. तब अनशन पर बैठे छात्र कालेज के भीतर जाकर गेट बन्द कर लिए. कालेज का चपरासी भी छात्रों के साथ ही था. मौके पर 100डायल, स्थानीय पुलिस व क्षेत्राधिकारी उमेश कुमार रात मे ही पहुंचे. बाइक सवार मनबढो की दूर तक तलाश किए. उनके न मिलने पर दो सिपाहियों की ड्यूटी वहीं लगा दी गई. छात्रों का आरोप है कि प्रिंसपल ने उन्हे डराने की नीयत से यह कार्य कराया है. आक्रोशित छात्रों ने कल बृहस्पतिवार को को रानीगंज बाजार बन्द करने का आह्वाहन किया है.

महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष मे प्रवेश के लिए बिना प्रेक्टिकल लड़कों का 2467₹, एक प्रेक्टिकल 3107₹ तथा दो प्रेक्टिकल 3747₹ इसी प्रकार लड़कियों का बिना प्रेक्टिकल 2335₹, एक प्रेक्टिकल 2975₹ तथा दो प्रेक्टिकल पर 3675₹ शुल्क निर्धारित किया गया है.

छात्रों का आरोप है कि इतना ज्यादा शुल्क तो आसपास के स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों में लिया जा रहा है. इस तरह के जिले के किसी भी महाविद्यालय में इतना शुल्क लिया ही नही जा रहा है. छात्रों ने इस तरह के आदेश को प्राचार्य का तुगलकी फरमान कहा है.

हालात ऐसे भी हैं कि प्राचार्य कालेज आते नहीं, जिलाधिकारी/प्रशासक मौजूदा समय में जिला से बाहर हैं, उपजिलाधिकारी भी बैरिया में नहीं

मंगलवार की शाम तहसीलदार बैरिया जाकर अनशनकारियों से वार्ता तो किए लेकिन वार्ता सफल नही हो सकी. बुधवार को प्राचार्य को शुल्क के सन्दर्भ में किसी भी प्रकार के आदेश, निर्देश अथवा शासनादेश को लेकर महाविद्यालय पर आने को कहे. लेकिन शाम चार बजे तक प्राचार्य नहीं आए. छात्रों के इस आन्दोलन में अब अभिभावक भी जुड़ने लगे है. और पूर्व छात्रनेता भी. सवाल उठाए जा रहे है कि आखिर किस आधार पर स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों की तरह इस महाविद्यालय मे शुल्क लिया जा रहा है. मोबाइल पर पूछे जाने पर प्राचार्य डा.सुधाकर तिवारी ने बताया कि कुछ दिन पहले छात्र नेता आमरण अनशन किए थे, जिससे मामले का निस्तारण के लिए कमेटी का गठन हुआ. कमेटी का निर्णय है कि कासन मनी लिया जाय, फिर कासन मनी वापस कर दिया जाएगा. आरोप यह लग रहे है कि महाविद्यालय में गठित कमेटी के संरक्षक प्राचार्य ही होते है. ऐसे में प्राचार्य ने जानबूझकर इतना ज्यादा शुल्क निर्धारित कराया है जितना पीजी कालेज दुबेछपरा, टीडी व एससी कालेज अथवा जिले के किसी कालेज मे नही है. छात्र अनशन पर है. बृहस्पतिवार को बाजार बन्द व चक्का जाम का आह्वाहन किए है. प्रतीक्षा महाविद्यालय के प्रशासक जिलाधिकारी के आने की है.