राजीव मोहन चौधरी प्रकरण से जिले के आम भाजपा कार्यकर्ता स्तब्ध

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वाराणसी में भाजपा कार्यकर्ताओं को बुधवार को संबोधित करते राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह

बलिया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि दौर कोई भी रहा हो, देश को हर दौर में योद्धाओं की आवश्यक्ता हमेशा रही है और आज भी है. अमित शाह बुधवार को वाराणसी में पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति हस्त कला संकुल में भाजपा काशी क्षेत्र के सोशल मीडिया वालंटियर्स मीट को संबोधित कर रहे थे. भाजपा अध्यक्ष ने अपने साइबर योद्धाओं को न सिर्फ लक्ष्य दिया, बल्कि लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आईटी की तरकश में मौजूद तीरों के इस्तेमाल का तरीका भी समझाया. यह इत्तफाक ही है कि ठीक उसी वक्त बलिया जिले के बांसडीह में भाजपा की मंडल इकाई की बैठक स्थानीय अध्यक्ष दिलीप गुप्ता की अगुवाई में चल रही थी. इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ स्थानीय नेता राजीव मोहन चौधरी के साथ बांसडीहरोड पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी पर रोष जताया गया और सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया गया. साथ ही भाजपाइयों ने काली पट्टी बांध कर अपना रोष भी जताया. मालूम हो कि राजीव मोहन चौधरी भाजपा के एक जमीनी कार्यकर्ता हैं और बीते 35 साल जिले में पार्टी की जड़ें जमाने में अह्म भूमिका अदा कर रहे हैं. उनके जैसे भाजपाई योद्धा संग बदसलूकी से पूरा जिला आक्रोशित है और सोशल मीडिया पर उसकी बानगी देखी जा सकती है.

 भाजपा कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बाँध जताया विरोध

जानकारी के मुताबिक बीते रविवार को भाजपा के प्रदेश प्रांतीय परिषद के सदस्य राजीव मोहन चौधरी को बांसडीहरोड थाना क्षेत्र में बाइक छोड़ने की खातिर की गई मामूली पैरवी के एवज में पुत्र समेत हवालात में बंद कर दिया गया. उनका गुनाह सिर्फ इतना था कि उनके बेटे के पास मोटरसाइकिल के दस्तावेज की मूल प्रति नहीं थी, फोटोकॉपी थी. हालांकि बाद में जिले के वरिष्ठ भाजपाइयों के हस्तक्षेप के बाद उन्हें हवालात से मुक्ति तो मिल गई, लेकिन उनके साथ हुए पुलिसिया दुर्व्यहार वे शायद ही कभी भूल पाए. उनके हवालात में बंद होने की तस्वीर और उससे जुड़ी सूचनाएं सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. लोगों ने तरह-तरह के कमेंट भी किए. इस घटना से सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब योगी राज में भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी पुलिसिया कोप से महफूज नहीं है तो आम जन का क्या हस्र हो रहा होगा.

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के लिए तीन पीढ़ियां खपाने वाले और जनपद के रसूखदार चौधरी परिवार से ताल्लुकात रखने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव मोहन चौधरी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन हरेराम चौधरी के पुत्र हैं. जिन्होंने 35 साल पहले 1982 में इसका झंडा उठाया था, पार्टी के कई बड़े पदों पर रहकर बड़ी जिम्मेदारी से काम किया, आज प्रदेश परिषद के सदस्य भी हैं.

घटना कुछ इस प्रकार है कि राजीव मोहन का बेटा बांसडीह रोड थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव से दूध लेकर बाइक से बलिया शहर आ रहा था. इसी दौरान रास्ते में बांसडीहरोड थाना अध्यक्ष  अपने दल बल के साथ दोपहिया वाहनों की चेकिंग कर रहे थे. पुलिस ने राजीव मोहन के बेटे को रोका और दस्तावेज दिखाने को कहा तो उसने गाड़ी का फोटो स्टेट दस्तावेज थानाध्यक्ष के सामने प्रस्तुत कर दिया. जिसे एसओ ने मानने से इंकार कर दिया. इसके बाद उसने अपने पिता और भाजपा नेता राजीव मोहन चौधरी को फोन करके गाड़ी का ओरिजनल दस्तावेज लाने को कहा.

कुछ ही देर में कुछ ही देर में भाजपा नेता राजीव मोहन मोटरसाइकिल के कागजात लेकर मौके पर पहुंच गए और थाना अध्यक्ष से गाड़ी छोड़ने को कहे. बताया जाता है कि मोटरसाइकिल छोड़ने की बात सुनते ही एसओ भड़क उठे और भला बुरा कहते हुए उन्हें राजीव मोहन और उनके पुत्र को पुलिसिया वाहन में बैठा कर थाने ले गए. जब भाजपा नेता ने थाने लाने का कारण पूछा तो अपशब्दों का प्रयोग करते हुए थानाध्यक्ष ने राजीव मोहन और उनके पुत्र को हवालात में बंद कर दिया.

भाजपा के प्रांतीय परिषद के सदस्य ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि बेटे की मोटरसाइकिल छुड़वाने की इतनी बड़ी कीमत उन्हें अदा करनी पड़ेगी. हालांकि कुछ ही देर में यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई और थाने में पहुंचे वरिष्ठ भाजपाइयों ने मामले में हस्तक्षेप कर राजीव मोहन और उनके पुत्र को हवालात से बाहर निकलवाया. बहरहाल, मामला आया गया और खत्म हो गया, लेकिन बांसडीहरोड पुलिस ने अपमान का जो दर्द भाजपा नेता को दिया वह शायद ही भूल पाए. एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता ने कहा कि अपमान का घूंट पी रहा भाजपा का यह पदाधिकारी तय नहीं कर पा रहा है वह अपने 35 साल की सेवा को धोखा मानकर इस दल को तिलांजलि दे दे या अपमान का घूंट पीकर भी राष्ट्रवाद के ढोंगियों को ढोता रहे. यह तो एक बानगी है. आलम यह है कि इस सरकार को लाने के लिए पिछले 14 वर्षों में भाजपा के जिन कार्यकर्ताओं ने तिल-तिलकर अपनी कुर्बानियां दी. वे आज खुद को असहाय व ठगा महसूस कर रहे हैं.