संस्कृति राय हत्याकांड – पुलिस के हाथ सिफर, अधिवक्ताओं में आक्रोश

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बलिया/लखनऊ। सरकार एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देकर बेटियों को बचाने के लिए प्रेरित कर रही है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की राजधानी में बलिया की बेटी की हत्या होने के बाद भी सरकार हत्यारे की गिरफ्तारी को लेकर कुछ नहीं कर पा रही है. इस घटना को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश बना हुआ है, जिसको लेकर दी सेंट्रल बार एसोसिएशन ने सोमवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर मांग की है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराते हुए शीघ्र ही मामले का खुलासा हो. मृतका के परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख की आर्थिक सहायता देने की मांग भी की गई. ज्ञापन देने वालों में उमेश प्रताप, आनंद ओझा, चेतन सिंह, बालेन्दु ओझा, अमित गुप्ता, रमाकांत यादव, लक्ष्मण वर्मा, ओम प्रकाश दूबे, ददन पाण्डेय, मारकण्डेय सिंह आदि अधिवक्ता शामिल रहे. इसी क्रम में युवा कांग्रेसियों ने प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर विरोध जताया.

छात्रा की लखनऊ में हत्या का मामला सामने आने के बाद बलिया में भी विरोध में कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी गई.

मालूम हो कि राजधानी लखनऊ स्थित मड़ियाव क्षेत्र स्थित घैला पुल के पास शुक्रवार को पॉलीटेक्निक कॉलेज की छात्रा का शव पड़ा मिला था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में चोट लगने और अधिक खून बहने से छात्रा की मौत की पुष्टि हुई है. सीओ अलीगंज दीपक सिंह ने बताया कि छात्रा का मोबाइल फोन और पर्स गायब था. आशका जताई जा रही है कि लूट के इरादे से किसी ने छात्रा की हत्या कर दी है. आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं. छानबीन में पता चला कि 21 जून की रात छात्रा की मां से बात हुई थी. छात्रा अपने मूल निवास बलिया जाने के लिए निकली थी. एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक, छात्रा को बादशाहनगर ट्रेन पकड़ने जाना था, लेकिन उसकी लोकेशन टेढ़ी पुलिया की मिली. मामले की जांच की जा रही है.

दरअसल, बलिया के फेफना, भगवानपुर गांव निवासी अधिवक्ता उमेश कुमार राय की बेटी संस्कृति पॉलीटेक्निक कॉलेज में द्वितीय वर्ष की छात्रा थी. पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल संस्कृति का पॉलीटेक्निक में दाखिला हुआ था. वह साल भर हॉस्टल में रही. दूसरे साल हॉस्टल नहीं मिल पाया तो वह इंदिरानगर सेक्टर 19 में राजेंद्र अरोड़ा के मकान में किराये पर रहने लगी. पांच जून को संस्कृति बलिया स्थित घर आई थी. सात जून को उसका प्रैक्टिकल था, इसलिए वह छह को ही लखनऊ चली गई.

21 जून की रात छात्रा को अपनी चंदौली निवासी सहेली पुष्पाजलि के साथ ट्रेन से बलिया जाना था. रात आठ बजे संस्कृति की मां नीलम ने बेटी को फोन मिलाया. इस पर उसने कहा कि घर आ रही हूं, तैयार हो रही हूं, बाद में कॉल करती हूं. रात नौ बजे के करीब पुष्पांजलि बादशाहनगर स्टेशन पहुंच गई, लेकिन संस्कृति नहीं पहुंची. पुष्पाजलि ने एक अन्य सहेली को फोन करके बताया कि संस्कृति का फोन बंद है और वह स्टेशन पर भी नहीं आई. तीसरी सहेली ने संस्कृति के पिता को रात 9:52 पर फोन कर इसकी जानकारी दी.

संस्कृति के पिता ने मामले की जानकारी मिलते ही अपने एक रिश्तेदार को फोन पर पूरी बात बताई और उन्हें गाजीपुर थाने भेजा. रिश्तेदार ने रात में ही छात्रा के पिता की बात गाजीपुर इंस्पेक्टर से कराई. पिता ने इंस्पेक्टर से फोन पर बेटी के साथ अनहोनी की आशका भी जताई थी.

इंस्पेक्टर मड़ियाव अमरनाथ वर्मा के मुताबिक, बीते दिन यानी 22 जून की दोपहर 12 बजे के करीब घैला गाव निवासी प्रेमा ने झाड़ियों में युवती को लहूलुहान देखकर पुलिस को सूचना दी. पुलिस का कहना है कि मौके पर छात्रा की सासे चल रही थीं, जिसे फौरन ट्रामा सेंटर ले जाया गया. ट्रामा में डॉक्टरों ने छात्र को मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव की शिनाख्त के लिए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसके बाद उसकी शिनाख्त संस्कृति के रूप में हुई. सीओ अलीगंज दीपक सिंह ने बताया कि छात्रा का मोबाइल फोन और पर्स गायब है. आशका जताई जा रही है कि लूट के इरादे से किसी ने छात्रा की हत्या कर दी है.