हाल-ए-बैरिया : कर्मचारी काम पर वापस लौटेगे या जारी रखेंगे आन्दोलन

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रविवार से ही तहसील में आमरण अनशन पर बैठेंगे व्यापार मंडल, पूर्व सैनिक व छात्र संगठन के लोग

लेखपाल संघ अध्यक्ष ने कहा गलत करेंगे तो दण्ड का विधान है, गाली मार और अस्मिता से समझौता नहीं

कर्मचारी चाहेगे सुरक्षा व सम्मान की गारंटी

बैरिया। यद्यपि कि शनिवार और रविवार दो दिन सरकारी अवकाश का है. लेकिन सोमवार से तहसील व ब्लाक के सरकारी कर्मचारी काम पर लौटेंगे कि नहीं? इस बात को लेकर संसय बना हुआ है. विधायक सुरेन्द्र सिंह के भतीजा एडवोकेट चन्द्रभूषण सिंह व कानूनगो अनिल श्रीवास्तव विवाद प्रकरण में सरकारी दफ्तरों में ताला लगे हुए है. जनता परेशान है. न्यायालयों में ताला बन्द हो जाने से खफा अधिवक्ता संगठन भी कर्मचारियों से खफा होकर आन्दोलित है.

अधिवक्ता संगठन कर्मचारियों पर वैधानिक कार्यवाही की मांग को लेकर छ: दिनों से कार्यालय समय पर क्रमिक अनशन पर बैठे हुए है. उधर जनता की परेशानियो को देख कर रानीगंज व्यापार मंडल के तरफ से पैमाइश के लिए मौके पर जाने से पहले जतरा बनाने वाला वीडियो फेसबुक व वाट्सप पर वायरल किया गया. व्यापारी नेता, पूर्व सैनिक संगठन नेता व छात्र नेताओं ने रविवार को तहसील पर अपनी मांगों, जिसमें जितने दिन काम पर कर्मचारी नही आए उतने दिन का वेतन काटने, न्यायालयों में तालाबंदी के लिए विधि सम्मत प्रक्रिया के अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही करने, कर्मचारियों के दबाव में चन्द्रभूषण सिंह पर दर्ज मुकदमा वापिस लेने आदि मांगो को लेकर रविवार से तहसील परिसर मे पांच अन्य लोगों के साथ आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा की है.

उधर बैरिया एसएचओ गगन राज सिंह ने कानूनगो द्वारा दर्ज कराए गए चारों आरोपियों को थाने पर से ही जमानत दे दी है. उम्मीद जताई गई कि कर्मचारी संगठन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा था, अब आरोपियों के जमानत के बाद लेखपाल कर्मचारी संगठन का कार्य बहिस्कार समाप्त हो जाएगा. लेकिन शनिवार को नियमानुसार ईद के पर्व पर किसी भी मस्जिद पर लेखपाल नहीं दिखे. ऐसे मे कर्मचारी लौटेंगे ही, इस पर संसय बना हुआ है.

जमानत हो जाने के बाद अब तो आप लोगों को काम पर वापस लौट आना चाहिए? पूछे जाने पर बैरिया लेखपाल संघ अध्यक्ष राजाराम सिंह ने कहा कि इस बात का निर्णय सोमवार को बलिया में कर्मचारियों की बैठक में लिया जाएगा. वहां जो भी सभी लोगों की राय से निर्णय होगा वह हर कर्मचारी को मान्य होगा कि हमे आगे क्या करना है. एक सवाल के जवाब मे लेखपाल संघ अध्यक्ष राजाराम सिंह ने कहा कि हम कर्मचारी अगर गलत करते हैं तो उसके लिए स्थानान्तरण, निलम्बन, बर्खास्तगी व अन्य प्राविधान हैं. गलत करेंगे तो दण्ड पाएंगे. लेकिन गाली देकर, मार पीट कर हम पर दबाव बना कर काम कराया जाय यह कहां की विधि व्यवस्था है. कर्मचारी उत्पीड़न की यह चौथी वारदात है. जंगल राज है क्या ? या कर्मचारी भारत के नागरिक ही नहीं हैं. बैरिया एसएचओ थाने से जमानत दे दिए. वह अपने अधिकार के अन्तर्गत ही कार्य किए है. हमे उनसे कोई शिकायत नही है. आखिर वह भी तो कर्मचारी ही है. वन दरोगा, पूर्ति निरीक्षक, कानूनगो के बाद उनकी भी स्थिति तो वही हो सकती है. वह गोली चला देंगे क्या ? उन्हें भी हमारे ही पास आना होगा. अगर ऐसे ही हालात रहे तो हम तो अपनी अस्मिता व सुरक्षा की गारंटी चाहेंगे. जो यहां के लोग ही दे सकते हैं. गलत करेंगे तो सजा भी पाएंगे.कुल मिलाकर फिलहाल मामला सोमवार को बलिया में होने वाले कर्मचारियों के बैठक तक खिंचता नजर आ रहा है.

जतरा वाले वायरल वीडियो पर बढ़ा खतरा

इलाके में फेसबुक व वाट्सप पर वीडियो वायरल होने के मामला को एसडीएम बैरिया अनिल कुमार चतुर्वेदी ने गम्भीता से लिया है. वीडियो में एक कानूनगों को पैमाइस करने जाने से पहले जतरा बनाने के नाम पर एक व्यक्ति एक सौ रुपये का करीब 10 नोट देते हुए दिखाई दे रहा है. कानूनगों ने उस रुपयों में से सौ रुपये के करीब पांच नोट एक लेखपाल को देते दिख रहे है. मामले को क्षेत्र में वाट्सएप व फेसबुक के माध्यम से व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार हुआ है. जिसे गम्भीरता से लेते हुए एसडीएम बैरिया अनिल चतुर्वेदी ने शनिवार को वायरल वीडियो का सीडी तैयार कर नियमानुसार कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजा है. उपजिलाधिकारी अनिल कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि डीएम साहब को नियमानुसार कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी गई है.