लोगों को बचाना ही है फर्स्ट च्वाइस – कमिश्नर

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बलिया। बाढ़ में फंसे लोगों को बचाना ही हमारी पहली प्राथमिकता है, सबसे पहले जीवन बचाया जाना चाहिए. ऐसा मानना है आयुक्त आजमगढ़ मण्डल नीलम अहलावत का. उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि सबसे पहले जीवन को बचाना है. कहा कि इसके लिए लाउडहेलर से प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनाउंस कराया जाय कि वे अपने घर को तत्काल खाली कर दें.

कमिश्नरी और जिले के आला हाकिम पहुंचे चांद दीयर
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मण्डलायुक्त ने पुलिस व लेखपाल को नावों के साथ इस कार्य में युद्धस्तर पर लग जाने का निर्देश दिया. साथ ही गांव के युवाओं एवं अन्य लोगों को भी इस पुनीत कार्य में आगे आकर सहयोग करने को कहा. उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य पर संतोष जताया.

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सोमवार को डीआईजी धर्मवीर के साथ जिले में पहुंची मण्डलायुक्त ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक दौरा किया. इस दौरान बाढ़ चैकियों व राहत शिविरों में बाढ पीड़ितों से मिलकर उनका हाल जाना. मण्डलायुक्त ने पीड़ितों से भोजन आदि सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. शिविर में रह रहे लोगों ने जिला प्रशासन की व्यवस्था पर संतोष जताया. मण्डलायुक्त ने बचाव एवं राहत कार्य के लिए नावें और जरूरत पड़ने पर और एनडीआरएफ की टीम मंगाने को कहा.

दूबेछपरा रिंग  बांध एवं करीब ही स्थित एनएच- 31 पर बाढ़ के पानी का दबाव निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है. बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए जिलाधिकारी बलिया की ओर से बैरिया तहसील के सभी स्कूल एवं कॉलेजों को शनिवार तक के लिए बंद कर दिया गया है.
दूबेछपरा रिंग बांध एवं करीब ही स्थित एनएच- 31 पर बाढ़ के पानी का दबाव निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है. बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए जिलाधिकारी बलिया की ओर से बैरिया तहसील के सभी स्कूल एवं कॉलेजों को शनिवार तक के लिए बंद कर दिया गया है.

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मण्डलायुक्त व डीआईजी सबसे पहले कमला देवी बाजोरिया डिग्री कॉलेज में बाढ़ चौकी/राहत शिविर में रह रहे प्रभावित लोगों से मिलकर उनका हाल जाना. एसडीएम सदर रामानुज सिंह ने बताया कि 18 बाढ चौकियां स्थापित हैं. तीन जगहों पर विस्थापितों के लिए राहत शिविर बनाए गए है. मण्डलायुक्त ने प्रभावित लोगों के पशुओं के लिए चारे की पर्याप्त व्यवस्था कराने का निर्देश दिया. भीमपट्टी गांव के लोगों की मांग पर एक और नाव लगाने को कहा. उन्होंने विशेष रूप से युवा वर्ग के लोगों से इस आपदा की घडी में मदद करने के लिए आगे आने का अनुरोध किया.

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इसके बाद मण्डलायुक्त गायघाट पहुंची. वहां से गंगा नदी के बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया. निर्देश दिया कि लाउडहेलर से उद्घोष कराया जाय कि बाढ में फंसे लोग बाहर निकले और अपना घर खाली कर दें. बंधे पर रूके लोगों को खाने का प्रबन्ध करने का निर्देश दिया. इसके बाद वे दूबेछपरा में रिंग बन्धे की सुरक्षा के लिए मौके पर चल रहे कार्य का निरीक्षण किया. एसडीएम बैरिया ने बताया कि यहां पर 12 नावें लगाई गई है. इसके बाद चांद दियर से आगे एनएच पर पहुंची. वहां बंधे पर रह रहे लोगों व बाढ की घिरे लोगों को निकाल का राहत शिविर में पहुंचाने का निर्देश दिया. बताया गया कि यहां 19 नावें लगायी गयी है.

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एसडीएम ने बताया कि तिरपाल की व्यवस्था की गयी है और प्रभावित लोगों को चावल, दाल, आटा, माचिस, मोमबत्ती आदि दी जा रही है. मण्डलायुक्त ने सभी 16 राहत शिविरों को पूरी तरह से संचालित करने को कहा. निर्देश दिया कि लेखपाल पीड़ितों के साथ ही कैम्प करके उनको हर जरूरी व्यवस्था उपलब्ध कराएगा. फंसे लोगों को नाव निकालने के लिए दो सिपाही के साथ लेखपाल को भी जाने को कहा. साथ ही इसकी वीडियोग्राफी भी कराने का निर्देश दिया. मण्डलायुक्त ने मौके से ही सीएमओ को पर्याप्त मेडिकल टीम लगाने व प्रभावित लोगों के इलाज एवं दवा आदि की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. इसके बाद वापसी में वे सुघर छपरा पहुंची. वहां बचाव कार्य में लगे पीएसी के जवानों से आवश्यक जानकारी ली. बाढ में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनाउंस करने को कहा. इस दौरान जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस, एसपी प्रभाकर चैधरी के साथ अन्य अधिकारी साथ रहे.

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सिताबदियारा, भवनटोला, जेपीनगर आदि जैसे हर गांव हर घर में गंगा का पानी दाखिल हो चुका है. यहां जनता परेशान है. यहां कोई अधिकारी देखने तक नहीं आया लोग घर के छत पर जिंदगी गुजार रहे हैं. – मनीष सिंह [email protected] (बलिया लाइव न्यूज पोर्टल पर)