विधायक का फोन आते ही कब्जा दिलाने की कार्रवाई छोड़ वापस लौटे तहसीलदार

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कटान पीड़ितों को आवासीय पट्टे की जमीन पर चल रही थी कब्जा दिलाने की कार्रवाई

बैरिया(बलिया)। तहसील क्षेत्र के इब्राहिमाबाद नौबरार के 152 आवसीय पट्टा धारक कटान पीड़ितों को कब्जा दिलाने के लिए तहसीलदार शशिकांत मणि लेखपालों की टीम के साथ रविवार का चांददीयर मौजा में गए. आराजी नम्बर 2810 प्लाट में 39 कटान पीड़ितों के पट्टे की भूमि को नापी, पैमाइस कर चिन्हित भी करा लिया. अब कब्जा दिलाने की प्रक्रिया शुरू होने ही वाली थी तब तक बैरिया विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह का तहसीलदार के मोबाइल पर फोन आया. बात करते समय तहसीलदार के चेहरे की रंग उड़ गया. बात करने के बाद तहसीलदार ने कटान पीड़ितों से कहा कि आज जो कब्जा दिलवाने की प्रक्रिया चल रही है वह किन्ही कारणों से स्थगित किया जा रहा है.

यह कहते हुए लेखपालों की टीम संग वापस लौट गए. कटान पीड़ित दिलीप पासवान, विशुन दयाल पासवान, रासविहारी, श्रीराम पासवान, रामचन्द्र पासवान ने बताया कि कई वर्षों से हम कटान पीड़ित बीएसटी बन्धे पर शरण लिए हुए है. आठ माह पहले 152 कटान पीड़ितो को चाँददीयर मौजा में पट्टा तो दे दिया गया है. लेकिन कब्जा नहीं दिलवाया गया. जिससे हम लोग जलालत की जिंदगी जी रहे है. कटान पीड़ितों ने कहा कि रविवार को तहसीलदार शशिकांत मणि ने लेखपाल लक्ष्मण सिंह, लेखपाल संघ के अध्यक्ष राजाराम सिंह, लेखपाल लक्ष्मण गुप्ता के साथ चाँददीयर मौजा पहुंचकर नापी पैमाइस कर 39 कटान पीड़ितों का भूमि चिन्हित कर दिए थे. लेकिन अचानक किसी के फोन आने पर तहसीलदार बिना कब्जा दिलाए लौट गए.

इस बाबत पूछे जाने पर तहसीलदार शशिकांत मणि ने कहा कि 39 कटान पीड़ितों के पट्टा का भूमि चिन्हांकन कर लिया गया था. लेकिन विधायक जी का आदेश हुआ कि अभी स्थगित कर दिया जाय. इसलिए कब्जा दिलाने का कार्य आज रद्द कर दिया गया.

बैरिया विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह ने कहा कि वहां कटान पीड़ितों के चयन में गड़बड़ी की गई है. वास्तव में कटान पीड़ित बेघर तो घूरीटोला व अठगांवां के लोग हैं. जिनका घर घाघरा में कटा है. जबकि राजस्व विभाग की मिली भगत से पैसा लेकर बकुल्हां व चांददियर के गैर कटान पीड़ितों का नाम आवंटन सूची में शामिल कर लिया गया है. मेरे द्वारा विधानसभा में यह बात रखने के बाद इस मामले में दो लेखपाल निलम्बित भी किए गए थे. लेकिन सूची जस की तस है. मै ने कहा है कि घूरीटोला व अठगांवां के लोगों जो वास्तव में कटान पीड़ित व बेघर हैं उनका नाम रहे. बकुल्हां व चांददियर जो कटान प्रभावित गांव नहीं हैं, के लोगों का नाम सूची से अलग कर उनके स्थान पर वास्तविक पीड़ितों का नाम दर्ज कर तत्काल आवासीय पट्टा की जमीन पर कब्जा दिलाया जाय.