जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का किया सत्यापन

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बिल्थरा क्षेत्र के पड़री गांव में 90 प्रतिशत अनुदान पर लगी ड्रिप मशीन व स्प्रिंकलर का किया स्थलीय सत्यापन

उद्यान अधिकारी को इस योजना के व्यापक प्रचार प्रसार कराने के दिए निर्देश

बलिया। लाॅ एंड आॅर्डर व विकास कार्याें के साथ उन्नतिशील कृषि व किसानों के आर्थिक विकास को लेकर भी जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत गम्भीर हैं. बिल्थरारोड क्षेत्र के पड़री गांव में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को अनुदान पर दिए गए ड्रिप व स्प्रिंकलर स्थलीय सत्यापन किया. उन्होंने किसानों से बातचीत की, उनके खेतों का जायजा लिया. साथ ही ड्रिप व स्प्रिंकलर से हो रही सिंचाई का निरीक्षण भी किया. आर्थिक उन्नति के लिए किसानों को केले की खेती करने के लिए प्रेरित किया. योजनान्तर्गत दिए लाभ की यह चेकिंग रेण्डम आधार पर की गयी.

रविवार को जिलाधिकारी बिल्थरारोड तहसील के पड़री गांव में किसानों के खेतों तक पहुंचे. उन्होंने सोलर पैनल व स्प्रिंकलर सेट से हो रही सिंचाई को देखा. गांव के कुछ किसानों को सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर (फौव्वारे से सिंचाई का माध्यम) व ड्रिप मशीन (टपक विधि से सिंचाई का माध्यम) दी गयी है. जिस पर 90 प्रतिशत की सब्सिडी सरकार ने दी है. जिलाधिकारी ने दोनों मशीनों का स्थलीय सत्यापन किया. किसानों से पूछा कि इसके लिए कहीं कोई धनराशि की मांग तो नहीं की गयी ? अनुदान पर मिले इस सिंचाई के साधनों से किसान भी काफी खुश दिखे. किसानों ने बताया कि दलहन की फसलों में या गेहूं की पहली सिंचाई स्प्रिंकलर विधि से करने से काफी लाभ होता है. एक हेक्टेयर में 8 या 12 फौव्वारे वाले पाईप दिए गये हैं. जिलाधिकारी ने उद्यान अधिकारी को निर्देश दिया कि जिले भर में इस योजना का व्यापक प्रचार प्रसार कराएं.

केले की खेती देख हुए खुश, किसान को कराएंगे सम्मानित

जिलाधिकारी ने पड़री गांव के किसान जितेंद्र शर्मा द्वारा की गयी केले की खेती का जाजया लिया. उसकी खेती से जिलाधिकारी इस कदर खुश हुए कि 2 मई को आयोजित होने वाले किसान कल्याण कार्यशाला में सम्मानित कराने का निर्देश दिया. किसान से कहा कि कार्यशाला में केले की खेती के टिप्स भी किसानों को बताएंगे. जितेंद्र शर्मा ने ड्रिप मशीन (टपक विधि से सिंचाई का माध्यम) से केले की सिंचाई करते हैं. इसमें न तो कोई खास मेहनत लगती है और न ही खाद देने के लिए खेतों तक घूमना पड़ता है. खाद को एक जगह मिलाकर मशीन में डाल दिया जाता है और वहां से प्रत्येक पौधों में टपक विधि से वह पहुंच जाती है. अनावश्यक पानी भी खर्च नहीं होता है और केले की खेती भी अच्छी होती है. वहां मौजूद किसानों ने बताया कि आम तौर पर की जाने वाली सिंचाई की जगह टपक विधि से सिंचाई करने से उत्पादन में तीन से चार गुने की वृद्धि का अंतर आ जाता है. जिलाधिकारी ने दोनों माध्यमों से सिंचाई वाले केले की खेती देखी तो दोनों खेतों के पौधों में अंतर भी साफ तौर पर दिखा. टपक विधि से सिंचाई करने की ड्रिप मशीन की कुल लागत एक लाख 15 हजार है, जिस पर सरकार एक लाख चार हजार का अनुदान दे रही है. जिलाधिकारी ने अन्य किसानों को भी इसी तरह की खेती कर आर्थिक रूप से मजबूत होने को प्रेरित किया.

इब्राहिमपट्टी अस्पताल की देखी बदहाली

जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने बेल्थरा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान इब्राहिमपट्टी गये. वहां के अस्पताल अन्य व्यवस्थाओं की बदहाली पर वे काफी चिंतित दिखे. वहां करोड़ों की लागत से बने अस्पताल का बारीकी से जायजा लिया. जिलाधिकारी ने एसडीएम से चर्चा कर उसके सदुपयोग के बारे में सोचने की जरूरत बताई. उन्होंने अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस के बारे में पूछा तो बताया गया कि ड्राईवर बलिया है. कुल मिलाकर वहां के खस्ताहाल पर जिलाधिकारी काफी चिंतित दिखे.