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बलिया। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजनान्तर्गत ग्रिड के आधार पर संकलित नमूनों के परीक्षण के बाद समस्त कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण की व्यवस्था है. इसी के अंतर्गत शनिवार को नगरा ब्लॉक के सिकरहटा में विधायक धनंजय कनौजिया की अध्यक्षता में मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण कैंप का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में गांव के 507 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया गया.
कैंप में उपस्थित कृषकों को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि वर्ष 2022 तक कृषकों की आय को दोगुना करने के लिए जरूरी है कि किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करें. इससे अनावश्यक उर्वरक का खर्चा बचेगा. खेती की लागत कम होगी. साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य पर भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. विधायक ने धान व गेहूं की परंपरागत खेती के साथ अपने खेतों के मेड़ो पर सागौन आदि का वृक्षारोपण, बागवानी, सब्जी की खेती, मछली पालन आदि पर भी बल दिया. ताकि खेती की आय के साथ-साथ किसानों अतिरिक्त आय भी प्राप्त हो सके.
भूमि संरक्षण अधिकारी संजेश कुमार श्रीवास्तव ने कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व को समझाया. जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव ने किसानों को कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसलों का बीमा कर लेने से फसलों पर होने वाले किसी भी नुकसान से सुरक्षा प्राप्त करने को कहा. कार्यक्रम में ग्राम प्रधान, सहायक विकास अधिकारी कृषि रमाकांत राम, बीज गोदाम प्रभारी सीयर सत्य प्रकाश सिंह एवं बीज गोदाम प्रभारी नगरा परशुराम तथा क्षेत्र के प्राविधिक सहायक उपस्थित रहे.
न जलाएं फसल अवशेष, उसका करें सदुपयोग
कृषि अधिकारी जेपी यादव ने कृषकों से अपील किया कि कंबाइन हार्वेस्टर से फसलों की कटाई के पश्चात फसल अवशेष को कतई ना जलाएं. ऐसा करना शासन स्तर से दंडनीय अपराध माना गया है. सलाह दिया कि फसल अवशेष को खेत में जुताई कर 20 से 25 किलोग्राम यूरिया प्रति हेक्टेयर खेत में मिलाया जा सकता है. इससे फसल अवशेष सरलता से खेत मे सड़ जाता है. भूसा बनाने की मशीन से फसल अवशेष का भूसा भी बनाया जा सकता है.