राधिका विलास विद्या मन्दिर में पठन-पाठन का माहौल शबाब पर

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अंग्रेजी माध्यम नर्सरी से आठवीं तक चलती हैं कक्षाएँ

कम से कम खर्च में कान्वेंट स्कूलों जैसी पठन-पाठन की सुविधा

बैरिया(बलिया)। दलपतपुर (चकिया) में संचालित राधिका विलास विद्या मन्दिर में पठन-पाठन का माहौल अपने शबाब पर पहुंचने लगा है. अत्यन्त ग्रामीण परिवेश में बेसिक शिक्षा परिषद से अंग्रेजी माध्यम शिक्षण के लिए मान्यता प्राप्त इस विद्यालय में नर्सरी से कक्षा आठवीं तक के पठन पाठन की यहां व्यवस्था है. लगातार 26 वर्षों से क से कम शुल्क लेकर बेहतर शिक्षा देने वाले इस विद्यालय की ख्याति इलाके के शिक्षण संस्थाओं से अलग हट कर है.


विद्यालय के प्रबंधक रविशंकर सिंह बताते हैं कि हमारे पिताजी ने ही यह विद्यालय शुरू करवाया था. उनका मानना था कि आर्थिक रूप से समर्थ लोग तो अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए बाहर भी भेज सकते हैं, लेकिन इस आस पास के उन लोगों के बच्चे मेधावी होते हुए भी बेहतर बुनियादी शिक्षा से वंचित रह जाएंगे. जो आर्थिक रूप से समर्थ नहीं हैं. हम अपने पिताजी की शुरू की गई परम्परा को आगे बढ़ाने में ही लगे हैं. हम यह मान कर चल रहे हैं कि कम से कम खर्च में क्षेत्र के लोगों को शिक्षित व अनुशासित बना दें, यही हमारे लिए समाजसेवा है और पिताजी के सपना को पूरा करने का साधन भी.


विद्यालय के संचालक भास्कर सिंह बताते हैं कि हमारे यहाँ सरकार द्वारा निर्धारित पुस्तकें ही लगाई जाती है. अपनी कक्षा में अच्छा स्थान हासिल करने वाले छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित किया जाता है.

अनुशासन व प्रतिस्पर्धात्मक ज्ञान के लिए हमारे सारे शिक्षक तत्पर रहते हैं. समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को उनके अभिव्यक्ति के लिये अवसर उपलब्ध कराया जाता है. हमारे छात्र उत्साह के साथ आगे बढ़े इस लिए हमने खेल, पुस्तकालय, प्रयोगशाला व स्कूल वाहन की भी व्यवस्था कर ली है. महंगे विद्यालयों मे छात्र छात्राओं को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाएं हम बहुत मामूली खर्च मे सुलभ करा रहे हैं.

अनुशासन के मामले में तो हमारे यहाँ के छात्र व शिक्षक बेमिशाल हैं. अभी अन्य विद्यालयों में जहां पठन-पाठन का माहौल बनाने की कोशिशें चल रही है, हमारे 90 फीसदी छात्र उपस्थित रह कर नई कक्षाओं की पढ़ाई पूरी तरह से शुरू कर लिए हैं.