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बलिया। जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक में आपदा प्रंबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारी अपनी विभागीय कार्ययोजना बनाकर तत्काल प्रस्तुत करें. उन्होंने वर्तमान समय को देखते हुए अगलगी की घटनाओं सेे निपटने के लिए हमेशा तत्पर रहने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि अग्निशमन की गाड़िया हमेशा चालू अवस्था में रहे. अग्निशमन विभाग में ड्राइवर की कमी की समस्या सामने आने पर उन्होंने तत्काल शासन स्तर से बातचीत कर पयाप्त ड्राईवर उपलब्ध कराने की बात कही. गर्मी के मौसम के दृष्टिगत उन्होंने जल निगम के एक्सईएन को निर्देश दिया कि गांवों में खराब पड़े हैंडपम्पों को रिबोर करा दिया जाए. खराब नलकूप भी ठीक हो जाएं. छोटे-मोटे तालाबों में भी पानी रहे, ताकि बाहर चरने वाले पशुओं के पीने के पानी की समस्या पैदा न हो.
बाढ़ से राहत दिलाने को दिए निर्देश
बाढ़-कटान से राहत दिलाने को लेकर उन्होंने कहा कि जरूरी कार्यवाही पूरी कर कटानरोधी कार्यों को शीघ्र शुरू कराया जाए. सम्भावित बाढ़ पर चर्चा के दौरान बताया गया कि जिले में 200 आपदा मित्रों का चयन हुआ था. इसमें 25 लोगों की वाराणसी में ट्रेनिंग हो गयी है, और 50 लोगों की चल रही है. जिलाधिकारी ने कहा कि एनडीआरएफ को मेरी ओर से पत्र लिखा जाए कि सभी 200 आपदा मित्रों को शीघ्र प्रशिक्षण दे दिया जाए. आपदा मित्रों का पूरा व्यौरा मोबाइल नम्बर सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भेज दिया जाए. बारिश शुरू होने से पहले सभी आपदा मित्रों की ब्रीफिंग कर दी जाए. जो नाव पंजीकृत हैं उनकी स्थिति को देख ली जाए. फिट नावों का ही नवीनीकरण किया जाए. आपदा निधि से उपयोगी सामान लिया जा सकता है. नाव मालिकों व गोताखारों का सत्यापन भी कराने को कहा. पूर्व में खरीदे गये सामान का सत्यापन कराने का भी निर्देश दिया. सभी एसडीएम भी अपनी मांग भेज दें. तहसीलवार बाढ़ चैकियों व शरणालयोें की जगह को तहसीलदार देख लें. साथ ही रूटचार्ट व मूवमेंट चार्ट भी देख लिया जाए. कंट्रोल रूम व बाढ़ से जुड़े कर्मचारियों की सूची बना ली जाए. पशुओं की चिकित्सा व चारे की मुकम्मल व्यवस्था पहले से ही करने के निर्देश पशु चिकित्साधिकारी को दी. आपदा विशेषज्ञ को निर्देश दिया कि स्कूलों में बच्चों को भी आपदा से बचाव के तरीके के बारे में जानकारी दें. आपदा में ‘क्या करें व क्या न करें‘ इससे जुड़ी जानकारी के लिए पम्पलेट छपवा कर वितरित कराएं. सामुदायिक रेडियो के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जाए. सभी एसडीएम, तहसीलदार को बंधों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए. बाढ़ एक्सईएन को कार्ययोजना के अनुसार कार्याें को पूरा कराने व जल्द धनराशि रिलीज कराने के निर्देश दिए.
जनहानि पर पोस्टमार्टम जरूरी
जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा में होने वाली जनहानि पर मिलने वाली सरकारी सहायता के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट अत्यंत जरूरी है. अगलगी, आकाशीय बिजली या अन्य किसी प्रकृति आपदा में जनहानि होने पर अगर पोस्टमार्टम नही होगा तो सरकारी सहायता देना सम्भव नहीं हो सकेगा. जिलाधिकारी ने कहा है कि दुर्भाग्य से आपदा में कोई जनहानि हो तो पोस्टमार्टम जरूरी कराने दें. उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही परिजन को आर्थिक सहायता दी जा सकेगी. जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि आपदा में मृतक के आश्रित को 24 घंटे के अंदर राहत राशि दे दी जाए. बैठक में एसपी श्रीपर्णा गांगुली, सीडीओ बद्रीनाथ सिंह, एडीएम मनोज सिंघल, सभी एसडीएम, तहसीलदार, आपदा लिपिक मु.मुर्तजा शामिल थे.