जिलाधिकारी ने ग्रामीणों में पैदा की शौचालय निर्माण की रूचि

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तत्काल दिखा नतीजा जब गड्ढ़ा खोदने में स्वयं लगे लाभार्थी

शौचालय निर्माण व उसके प्रयोग को दे आंदोलन का रूप: डीएम

बलिया। जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने रविवार को सागरपाली गांव पहुंचकर वहां लोगों को शौचालय निर्माण के प्रति एक अलग रूचि जगाई. ग्रामीणों से अपील किया कि हर घर में शौचालय बनवा लें, खुले में शौच को न जाएं. जिलाधिकारी गांव के एक-एक लाभार्थियों से मिले. ग्राम प्रधान, लाभार्थियों के साथ ग्रामीणों ने भी जिलाधिकारी को भरोसा दिलाया कि बेहतर गुणवत्ता का शौचालय निर्माण कराकर सरकार की मंशानुरूपक कदम से कदम मिलाकर चलेंगे.
सभी ग्रामीणों के साथ गांव में ही आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि शौचालय निर्माण के दो तरीके हैं. पहला लाभार्थी स्वयं निर्माण करने के बाद फोटो के साथ ब्लाॅक के बीडीओ से मिले. वहां से तत्काल जीओ टैगिंग कर 12 हजार की प्रोत्साहन राशि दे दी जाएगी. दूसरा, लाभार्थी को गड्ढ़ा खोदते ही 6 हजार की पहली किस्त तथा शौचालय बनने के बाद 6 हजार की दूसरी किस्त मिल जाएगी. जिलाधिकारी ने प्रधान व सचिव से कहा कि अधिकतम अगले दो महीने में सभी पांच सौ शौचालय बनवा दिए जाएं. आम जनता भी इसमें सहयोग करें. उन्होंने स्पष्ट किया कि शौचालय निर्माण के लिए धन की कोई कमी नहीं है. जिनके घर अभी भी शौचालय नहीं है, बनवाएं और 12 हजार रूपया पाएं. निर्माण की गुणवत्ता ऐसी हो कि 25-30 साल आराम से चल जाए. बताया कि प्रेरित करने वाले स्वच्छाग्राही को भी प्रति शौचालय एक सौ पचास रूपये के साथ रोज एक लीटर पेट्रोल व अगले छह महीने का मोबाइल खर्च मिलेगा.
गांव में भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी ने शौचालय निर्माण को खोदे गये प्रत्येक गड्ढों के अलावा गांव में बने 40 शौचालयों की गुणवत्ता को भी जांचा. गांव में जल निकास की समस्या से निजात दिलाने के लिए ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई. जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान से बातचीत की. आश्वस्त किया कि कोई न कोई उपाय कर जल निकासी की समस्या का निराकरण किया जाएगा.
खुले में शौच के बताए नुकसान

जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से बातचीत के दौरान शौचालय के प्रयोग के फायदे बताए. साथ ही खुले में शौच से होने वाले नुकसान को भी बताया. कहा कि खुले में शौच से खतरनाक बीमारियां हो सकती है. साथ ही बच्चों-बड़ों की कार्यक्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. उन्होंने प्रधान से कहा कि जल्द गांव को ओडीएफ बनाएं. इसके लिए गांव के सम्भ्रांत नागरिकों को भी आगे आने को कहा.
गड्ढ़ा खोदने में स्वयं लगे लाभार्थी

आर्थिक रूप से कमजोर लाभार्थियों से जिलाधिकारी मिले और शौचालय निर्माण में रूचि लेकर बेहतर बनाने की बात कही. जिलाधिकारी की अपील का असर तत्काल देखने को मिला जब कुछ आर्थिक रूप से कमजोर लाभार्थी स्वयं गड्ढा खोदने के कार्य में लग गये. जिलाधिकारी ने कहा कि इससे मजदूरी का खर्च बचेगा और उस बची धनराशि का प्रयोग शौचालय को और बेहतर बनाने में कर सकेंगे. इस अवसर पर सीडीओ बद्रीनाथ सिंह, डीपीआरओ अभय यादव, बीडीओ राजेश यादव, ग्राम प्रधान समेत भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.