स्काउटिंग प्रशिक्षण से होता है युवाओं के व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास – डा. गणेश

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बलिया। किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय रक्सा, रतसर के बीएड एवं बीटीसी के स्काउट / गाईडों के पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन समापन समारोह के मुख्य अतिथि अमरनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के प्राचार्य डा० गणेश कुमार पाठक ने शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि स्काउटिंग के तहत होने वाला प्रशिक्षण स्काउट/गाईड के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास करता है, और जब किसी के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास हो जाता है तो उसका शारीरिक, चारित्रिक, मानसिक, आध्यात्मिक तथा सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास हो जाता है. यही कारण है कि स्काउटिंग के प्रशिक्षण से देशभक्त, बहादुर, फुर्तीले, सक्रिय, बुद्धिमान, अग्रगामी एवं दूरदर्शी नागरिकों का निर्माण होता है. ऐसा प्रशिक्षण प्रकृति से तादात्म्य का सुअवसर प्रदान कर प्रसन्नतादायक वातावरण प्रस्तुत करने के साथ ही साथ नेतृत्व का गुण प्रदान कर प्रगतिशील बनाता है. यही कारण है कि स्काउट/गाईड सदैव समाज सेवा एवं राष्ट्र सेवा के लिए तत्पर रहते हैं. अपने अन्दर विकसित बौद्धिकता एवं कर्तव्यबोध के गुणों के कारण विश्व बंधुत्व एवं भाई चारा का भाव विकसित करने में सफर होते हैं.


स्काउटिंग का उद्देश्य ही युवकों में शारीरिक, चारित्रिक, बौद्धिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक शक्तियों का विकास कर स्थानीय, सामाजिक एवं राष्ट्रीय स्तर पर सेवा भाव विकसित करना है.
डा. पाठक ने बताया कि स्काउटिंग द्वारा युवा वर्ग में मानवीय गुणधर्मिता का भी विकास होता है. उनमें अपने भविष्य का लक्ष्य प्राप्त करने का भी मार्ग प्रशस्त होता है. ऐसे प्रशिक्षणों द्वारा युवावर्ग में सकारात्मक सोच पैदा होती है, जिसके चलते वे विपरीत परिस्थितियों में भी सहजता एवं सरलता से जीवन जीने की कला एवं कौशल को विकसित कर लेते हैं.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए असिस्टेण्ट प्रोफेसर डा० अनिल पाण्डेय ने स्काउटिंग के सिद्धान्तों को बताते हुए कहा कि स्काउट/ गाईड ईश्वर के प्रति, दूसरों के प्रति एवं अपने प्रति कर्तव्य का पालन करने वाले होते हैं. महाविद्यालय के प्राचार्य डा. अशोक कुमार सिंह ने स्काउटिंग का नियम बताते हुए कहा कि स्काउट/ गाईड विश्वसनीय, वफादार, सबका मित्र, विनम्र, प्रकृति प्रेमी, अनुशासनशील, मियव्ययी तथा मन, वचन एवं कर्म से सुदृढ़ होता है.
शिविर में प्रशिक्षक के रूप में अभिजीत तिवारी एवं ऋतुराज कुशवाहा ने अहम भूमिका निभाई. इस शिविर में रजनीश शर्मा, राजेश यादव, अमित कुमार, डा० दयाशंकर सिंह, अमित कुमार पाण्डेय, शिवजी यादव एवं भारतभूषण सिंह आदि शिक्षकों ने अपनी सहभागिता निभाई.साथ ही साथ अनुज कुमार, रूचि सिंह एवं चन्दन कुमार ने भी सहयोग प्रदान किया.
अंत में शिविर के संचालक एवं संयोजक विकास सिंह ने शिविर के पांच दिन के कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत करते हुए सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया.