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दुबहड़(बलिया)। अपने कुर्बानी की चिंगारी से अंग्रेजी हुकूमत के साम्राज्य को जलाने वाले शहीद मंगल पांडे को भले ही आजादी के बाद की सरकारें उनके गरिमा के अनुरूप सम्मान आज तक नही दिया. लेकिन उनके जन्मभूमि के लोग आज भी अपने लाल के जयंती और शहादत को शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं.
इसी के संदर्भ में मंगल पांडेय के गौरव शाली व्यक्तित्व को याद करने के लिए बनाई गई संस्था मंगल पांडेय विचार मंच की आवश्यक बैठक शुक्रवार को शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवां में हुई. बैठक को संबोधित करते हुए प्रधान संघ के मंडल अध्यक्ष विमल कुमार पाठक ने कहा कि मंगल पांडेय ने देश के स्वाभिमान को जगाने का काम किया. उनके ही बगावत का परिणाम रहा की हमारे देश के लोग जगह-जगह अग्रेंजी हुकूमत के विरोध में सड़कों पर उतरने लगे. जिसके परिणाम स्वरूप हमे पन्द्रह अगस्त 1947 को आजादी मिली.
उन्होंने भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश की सरकार से मंगल पांडेय के सम्मान में दिल्ली स्थित संसद भवन में लखनऊ स्थित विधानसभा भवन के प्रांगण में मंगल पांडेय की मूर्ति लगाने की मांग की. मंच के अध्य्क्ष केके पाठक ने कहा कि मंगल पांडेय के गृह जनपद के सभी जनप्रतिनिधियों को भी एक मंच पर आकर मंगल पांडेय के नाम पर जनपद में कुछ ऐतिहासिक कार्य करने चाहिए . जिससे बाहर से आने वाले अतिथियों को यह मालूम हो सके कि यह आजादी के प्रथम बलिदानी मंगल पांडेय का जिला हैं. बैठक में मुख्य रूप से उदयपुरा के प्रधान शमीम अंसारी, नफिश अख्तर, गुड्डू पांडेय, घनश्याम पांडेय, अंजनी सिह, अरुण सिंह, डॉ हरेंद्र यादव, उमाशंकर पाठक, राजू मिश्रा, अख्तर अली, गणेश जी सिंह, पन्नालाल गुप्ता, गोविंद पाठक, नितेश पाठक, अन्नपूर्णा नन्द तिवारी, रमेश चंद गुप्ता, गांधी पांडेय, धुरूप सिह, संजय जायसवाल, बब्बन पासवान, अजय पांडेय, रविंद्र तिवारी आदि लोग रहे. अध्यक्षता केके पाठक व संचालन नितेश पाठक ने किया.