बिसरती गोंड़ऊ नृत्य परम्परा को जीवन्त बनाने का प्रयास,  बैरिया से 

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मिश्र के मठिया में गोंड़ऊ नृत्य व सांस्कृतिक आयोजन

जयप्रकाश नगर(बलिया)। स्वर्गीय  रामदेव गोंड के प्रथम पुण्यतिथि पर शनिवार को आयोजित जिला स्तरीय गोड़ऊ नृत्य व सांस्कृतिक प्रतियोगिता में जिले के विभिन्न इलाकों से आए हुए गोड़ऊ नृत्य के कलाकारों ने खूब धमाल मचाया. एक दूसरे के मात देने के क्रम में सभी के ठुमके इस कदर लग रहे थे मानो उन्हें कड़ाके की ठंड दूर से ही देखकर भाग जा रही थी. इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ गोंडवाना रत्न से सम्मानित दादा हीरा सिंह मरकाम ने कहा कि हर क्षेत्र की अपनी एक संस्कृति व परंपरा होती है. उसी तरह यहां गोड़ऊ नृत्य भी हमारी पुरानी परम्परा है. जो आधुनिकता के इस दौर में पूरी तरह विलुप्त होती जा रही है. इस तरह के आयोजन से इस नृत्य से जुड़े कलाकारों को बड़ा मंच मिलने के साथ-साथ उन्हें देश भर में एक नया पहचान मिलेगा.


इस प्रतियोगिता में भगवानपुर, लक्ष्मणछपरा, सोहाडीह, बिनहा, सिकंदरपुर, सिंगही, करमुत्ता (सिकंदरपुर), छेड़ी, जनाड़ी, पिपरा, गोपालनगर दियर, गोबरही, बैरिया, मनियर के पिलुई, बड़का खेत आदि जगहों से लगभग 40 गोड़ऊ नृत्य की टीमें शामिल हुई हैं. प्रतियोगिता के आरंभ में सर्व प्रथम पुष्पांजलि का कार्यक्रम शुरू हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ गोंडवाना रत्न से सम्मानित दादा हीरा सिंह मरकाम ने बैकुठंवासी रामदेव गोंड के चित्र पर पुष्प अर्पित किया. इसके उपरांत उनके परिजन मुन्नाराम गोड़, सुनील कुमार गोड़, पत्नी केशरी देवी, छत्तीसगढ़ के पूर्व सांसद सोहन पोटाई, अखिल भारतीय गोड़ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामलखन धुरिया, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के महासचिव श्याम सिंह मरकाम, पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड, एसएन गोंंड, वरिष्ठ चिंतक आदिवासी समाज रामअवध प्रसाद, प्रमोद कुमार, अनिल कुमार गोंड के अलावा तारकेश्वर गोंड, ददन गोंड, कृष्णबिहारी गोंड, रवींद्र गोंड, मुन्ना गोंड, आनंद शंकर गोंड, अवधेश गोंड़ आदि लोग रहे. पारम्परिक गोंंड़ऊ नृत्य देेेेखने के लिए जनता जनार्दन की उपस्थित उल्लेखनीय रही. कार्यक्रम का समापन रविवार को होगा.

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