ग्यारह साल बाद पता चला कि महाविद्यालय से मिला अंकपत्र फर्जी

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

मझौवां(बलिया)। अभी तक तो आप लोगों ने दलालो व कैफ़े द्वारा नकली अंकपत्र बनने का मामला सुना होगा. लेकिन नया मामला अमर नाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुबेछपरा का प्रकाश में आया है. छात्रा शिखा 11 साल बाद बीर बहादुर सिह यूनवर्सिटी से अपना माइग्रेशन (डिग्री) लेने के लिये पहुँची तो पता चला कि उसे जो बीए तृतीय वर्ष का असली के जगह नकली अंक पत्र संस्थान द्वारा मिला है.  यह सुन शिखा के होश उड़ गये. आनन फानन में छात्रा ने महाविद्यालय दुबेछपरा में बुधवार को पहुचकर इस संबंध में प्राचार्य डॉ गणेश पाठक को एक लिखत शिकायती पत्र सौपकर धोखाधड़ी करने वाले कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाई करने की मांग की है. साथ ही अंक पत्र सुधार करने की गुहार लगाई है. उधर कालेज प्रशासन इस मामला को लेकर असमंजस में पड़ा हुआ है कि आखिर उस छात्रा को अंक पत्र किस कर्मचारी ने और कब दिया. ऐसे में हर कोई कर्मचारी अपना गला फस्ता देख कर कन्नी काटता नजर आ रही है. यह मामला प्रकाश में तब आया जब छात्रा द्वारा बीटीसी में दाखिला लेने के बाद पंडित तेजराम कालेज ऑफ एजुकेसन, गाज़ियाबाद कालेज ने शिखा से माइग्रेशन सर्टिफिकेट मांगा.

बतादें की सन 2005 में शिखा चौबे पुत्री रामजी चौबे निवासी दलकी ने अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुबेछपरा से बीए तृतीय वर्ष की परीक्षा दी थी. परीक्षा का परिणाम आने के बाद क्रासलिस्ट में छात्रा के रिजल्ट इंकॉम्प्लिट आया था. यह देख छात्रा ने इस संबंध में एक अध्यापक से शिकायत की. अध्यापक ने इसे तकनीकी दिक्कत बताया जिससे यूनवर्सिटी से सुधार करने की बात कहीं.  छात्रा ने मार्कसीट सुधार कराने के लिये उस अध्यापक को पैसे भी थे. जिसके बाद अध्यापक ने अंकपत्र सुधार कराकर दिये भी थे, यह आरोप लगाया है. छात्रा से मिली जानकारी के अनुसार शिखा बीरबहादुर सिंह यूनिवर्सिटी माइग्रेशन सर्टिफिकेट लेने के लिए पहुँची तो इस मार्कसीट को यूनिवर्सिटी द्वारा फर्जी व नकली बताया गया. ऐसे में छात्रा को दोहरे परेशानियों व धन की क्षति और आगे के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे है. बीटीसी में दाखिला भी अधर में लटक गया है और दाखिला के लिये दिये पैसे भी. इस संबंध में अमरनाथ मिश्र पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ. गणेश पाठक ने बताया कि इस संबंध में लिखित शिकायत पत्र मिला है. लेकिन यह मामला मेरे कार्यकाल का नही है, फिर भी संबंधित कर्मचारी के विरुद्ध जांच कराकर दोसी पाये जाने पर दंडनात्मक कार्यवाही की जाएगी.