​आईटीआई इब्राहिमाबाद: ऊंची दुकान फीका पकवान

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जनप्रतिनिधियों के पास इसकी समझ नहीं या जरूरत नही समझते यक्ष प्रश्न

बैरिया (बलिया)। विधानसभा क्षेत्र के इब्राहिमाबाद गांव में स्थापित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ऊंची दुकान फीका पकवान जैसा बनकर रह गया है. अपने जीवन के चलाचली की बेला में द्वाबा के मालवीय के नाम से विख्यात पूर्व विधायक स्वर्गीय मैनेजर सिंह द्वाबा विधान सभा (अब बैरिया विस) के लिए दो महत्वपूर्ण कार्य कर गये. जिसमें पहला राजकीय बालिका विद्यालय और दूसरा राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रहा. यूं तो स्वर्गीय ठाकुर मैनेजर सिंह ने इलाके के शैक्षिक विकास के लिए दर्जनों शिक्षण संस्थान खुलवाए, और उसे पुष्पित-पल्लवित किए.

जो आज भी उनकी कृतियों का अक्षय स्मारक है. जिसमें राजकीय बालिका विद्यालय बैरिया व राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान इब्राहिमाबाद तो विशेष है. 80 के दशक के उत्तरार्ध में यहां औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के स्वीकृति मिली थी. आरम्भ के कुछ वर्षों तक इस संस्थान का कार्य श्री सुदिष्ट बाबा इंटर कॉलेज के कैंपस में हुआ. लेकिन स्वर्गीय ठाकुर मैनेजर सिंह के ना रहने के बाद इस प्रशिक्षण संस्थान को जनप्रतिनिधियों ने नजरअंदाज कर दिया. बाद में बैरिया विधानसभा के तत्कालीन विधायक व वर्तमान सांसद भरत सिंह ने इस संस्थान के महत्व को समझा और काफी प्रयास के बाद भवन निर्माण के लिए धन स्वीकृत कराया. दिसंबर 1997 में विधायक भरत सिंह ने इब्राहिमाबाद में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भवन की आधारशिला रखी, और दिसंबर 2002 में इसका लोकार्पण भी किया. लेकिन बाद के जनप्रतिनिधियों ने बैरिया विधानसभा में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के महत्व को नहीं समझा. यह बात इसलिए कि आरंभिक दिनों में इस संस्थान में इलेक्ट्रिकल मैकेनिक, आशुलिपि और वेल्डर तीन ही ट्रेड का प्रशिक्षण शुरू हुआ. जो आज भी ज्यों का त्यों है. देखा जाए तो इस प्रशिक्षण संस्थान में 30 बड़े-बड़े कक्ष हैं. जिस में बैठाकर पठन पाठन एवं प्रशिक्षण का कार्य किया जा सकता है. या यूं भी कह लें कि एक साथ 12 सौ छात्रों को बैठाकर उनका पठन-पाठन कराया जा सकता है. लेकिन यहां पर मात्र 3 ट्रेड और कुल 120 प्रशिक्षु ही है. करोड़ों रुपए की लागत से बने भव्य भवन में सन्नाटा पसरा रहता है. यहां तैनात अनुदेशक बताते हैं कि यहां इलेक्ट्रिक में 52 वेल्डर में 42 और आशुलिपि में 26  यानी कुल 120 प्रशिक्षु ही हैं. फिटर, इलेक्ट्रॉनिक्स और टर्नर ट्रेड के लिए बार-बार लिख कर भेजा जाता है. लेकिन अभी तक यहां के लिए ऐसी स्वीकृति नहीं मिली है. इसके लिए राजनीतिक स्तर पर भी प्रयास जरूरी है. कुल मिलाकर आज जब देश में तकनीकी शिक्षा को लेकर होड़  सी मची हुई है, इस दौर में भी जनप्रतिनिधियों का ध्यान औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान इब्राहिमाबाद के तरफ नहीं है. यहां के लिए ऐसा हो सकता है कि ट्रेड बढ़ा दिए जाएं, प्रशिक्षक बढ़ा दिए जाएं, प्रशिक्षणार्थियों की संख्या बढ़ा दी जाय. क्षेत्रीय युवाओं को प्रवेश के लिए कुछ सहूलियतें दी जाए तो इस प्रशिक्षण संस्थान के साथ ही क्षेत्र का विकास तो होगा ही, यहां के युवा भी प्रशिक्षित होकर कम से कम स्वरोजगार का रास्ता तो अख्तियार कर सकेंगे. अपने साथ कुछ लोगों को रोजगार तो दे सकेंगे. लेकिन जनप्रतिनिधि इसके महत्व को शायद समझते ही नहीं. समझते तो डेढ़ दशक से यह संस्थान इसी दशा में नही रहता. क्षेत्रीय लोग औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान इब्राहिमाबाद के प्रति एक बार फिर से सांसद भरत सिंह की ओर टकटकी लगाए हैं.