नम आँखों से जनपद वासियों ने दी शहीद को अन्तिम विदाई 

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राजकीय सम्मान के साथ शहीद रामप्रवेश पंचतत्व में विलीन

बिल्थरारोड (बलिया) । जम्मू कश्मीर के रामबन के बनिहाल पोस्ट पर तैनात जिले के लाल राम प्रवेश यादव के शहीद होने से पूरा जनपद मर्माहत है. दो दिनों पूर्व ही मिली सूचना के बाद चारो तरफ करुण क्रन्दन सुनाई दे रहा था. शहीद का पार्थिव शरीर शनिवार की सुबह जैसे ही पैतृक गांव टँगुनिया पहुँचा, पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया. शहीद के घर उसके अंतिम दर्शन को वहाँ उपस्थित सभी की आँखे नम हो गयी. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था. शहीद रामप्रवेश के पिता लालबचन यादव, माँ  विद्यावती देवी, पत्नी चिंता देवी की चित्कार सुन हर किसी के आँखो से बरबस आँसू निकल पड़े. वहीँ शहीद के मासूम दोनों लड़के आयुष 7 वर्ष व पियूष 4 की आँखों से आंसू को देख लोगो की अश्रुधारा अपने आप बहने लग रही थी. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए हजारो की संख्या में लोगो का हुजूम घर से लेकर अंत्योष्टि स्थल तक उमड़ पड़ा था. सड़क के किनारे पुरुष महिलाये, बच्चे सुबह से ही शहिद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन को खड़े थे. हिन्दुस्तान  जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे व रामप्रवेश अमर रहे के घोष से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. शहीद रामप्रवेश के अन्तिम संस्कार  के लिए उसके शव को गांव से 4 किलोमीटर दूर गुलौरा मठिया ले जाया गया. जहां स्थित शिव मन्दिर के समीप सरयू नदी के तट पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो व जनप्रतिनिधियों के साथ जिले के  डीएम व एसपी ने गार्ड आफ आनर देते हुए उसका अंतिम संस्कार किया गया.

इस मौके पर एससबी के कमाण्डेन्ट मुकेश कुमार, उप कमाण्डेन्ट नवीन कुमार राय, जिलाअधिकारी सुरेन्द्र विक्रम , एसपी अनिल कुमार, प्रदेश सरकार के मंत्री उपेन्द्र तिवारी, सलेमपुर सांसद रविन्द्र कुशवाहा, क्षेत्रीय विधायक धन्नजय कन्नौजिया, सिकन्दरपुर विधायक संजय यादव, पूर्व विधायक गोरख पासवान आदि लोग उपस्थित रहे.

मंत्री उपेंद्र तिवारी ने शहीद के परिजनों को दिए 25 लाख का चेक

 प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में पहुँचे मंत्री उपेंद्र तिवारी ने शहीद के घर पहुचकर शोक संवेदना व्यक्त की. उसके बाद शासन की तरफ से घोषित सहायता राशि रूप में शहीद की पत्नी चिंता देवी को 20 लाख व पिता लालबचन यादव को  5 लाख रुपये की धनराशि का चेक दिया. उन्होंने शहीद का घर व शौचालय बनवाने के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित किया.जिसपर जिलाधिकारी ने रविवार से ही कार्य शुरू कराने का आश्वासन दिया.

एसएसबी कमांडेंट ने दिए 8 लाख का चेक, अंत्येष्ठि के लिए भी 38 हजार

 शहीद जवान रामप्रवेश यादव के पार्थिव शरीर के साथ पहुचे एसएसबी के कमांडेंट मुकेश कुमार व उप कमांडेंट नवीन कुमार राय ने जवान की पत्नी चिंता देवी को अंत्येष्टि आदि के लिये 38 हजार रुपये नकद दी. साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से मिले 8 लाख रुपये का चेक भी सौंपा. उन्होंने कहा कि कागजी करवाई के बाद एससबी के तरफ से मिलने वाली सारी सहायता राशि एक माह के अंदर दे दी जाएगी. पत्नी को आश्वासन दिया कि उसे कैंटीन आदि की सुबिधाये भी मुहैया कराई जाएगी.

परिजन व गांव वालों ने रखी मांग, मिला आश्वासन 

शहीद जवान रामप्रवेश यादव के पार्थिव शरीर के गांव पहुचते ही परिवार व गांव वालो ने कुछ मांगो को लेकर शव को एक घण्टे तक दरवाजे पर ही रोक दिया. मंत्री के पहुचने के बाद आश्वासन देने पर शव को अंतिम यात्रा के लिये ले जाने दिया. शहीद के परिवार व ईस्ट मित्रो ने अपनी मांग सांसद सलेमपुर रविन्द्र कुशवाहा के सामने रखी. जिसमे शहीद के परिवार से किसी को नौकरी देने की मांग पर वो असहज हो गए. सांसद ने  इसके लिए प्रदेश के मंत्री का हवाला दे डाला. जिसपर वहा उपस्थित लोगों मंत्री उपेन्द्र तिवारी को बुलाने की मांग करने लगे. इस बीच सांसद व एससबी के अधिकारियों ने उन्हें काफी समझाने का प्रयास भी किया. लेकिन वे असफल रहे. अंत मे शहीद के दरवाजे पर पहुचे राज्य मंत्री उपेन्द्र तिवारी ने गांव के रास्ते को इंटरलॉकिंग, पूरे गांव में घर घर शौचालय निर्माण कराने, गांव के प्राथमिक विद्यालय के समीप ग्राम समाज की जमीन पर शहीद स्थल बनवाने व परिवार के नाम ग्राम समाज की जमीन को पट्टा करने का आश्वासन दिया. सांसद रविन्द्र कुशवाहा ने दोनों बच्चो को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाने की जिम्मेदारी ली. तब जाकर शहीद के शव को जाने दिया.

घोसी सांसद आये, पुछार किए और फिर चल दिये, 

पूर्व मंत्री व घोसी के सांसद हरिनारायण राजभर अपने ही गांव के शहीद जवान रामप्रवेश यादव के घर तीन दिन  बाद पहुंचकर अपनी औपचारिक पूरी कर चले गए. अंत्येष्टि स्थल तक जाने की जहमत भी नही उठायी. उनकी इस प्रतिक्रिया से गांव वालों में खासी नाराजगी है.