घाघरा के तल्ख तेवर से ग्रामीणों में हड़कम्प

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सामान सुरक्षित हटाने व पशु चारे की व्यवस्था को लेकर अफरा तफरी

बलिया। नेपाल के एल्गिन डैम से छोड़े गए करीब चार लाख क्यूसेक पानी जिले में तबाही का मंजर उकेरने लगा है. लगातार तल्ख हो रहे घाघरा से दिन पर दिन संकट गहराता जा रहा है.

बांसडीह  प्रतिनिधि के अनुसार घाघरा नदी के लगातार बढ रहे पानी से क्षेत्र के टिकुलिया, भोजपुरवा, ताहिरपुर, पर्वतपुर सहित घाघरा के नजदीक के गावों के लोग पानी आजाने से  काफी भयभीत हैं. ताहिरपुर रिंग बंधा पर तीन जगह टूटने की आशंका व्यक्त की जा रही है. एक जगह पर बाढ़ विभाग के जेई व ग्रामीणों के सहयोग से बोरी में बालू और मिट्टी डालकर रोका जा रहा है.  फिर भी पानी का रिसाव नहीं रुक रहा है.  ग्रामवासियों की माने तो पानी लगातार बढ़ रहा है. इससे कभी भी खतरे की आशंका बनी हुई है.  

टिकुलिया व भोजपुरवा गाँव के लोग  अपना सामान समेट कर बाहर सुरक्षित स्थान पर ले जाने को मजबूर है. सबसे बड़ा संकट मवेशियों के चारे को लेकर है. नाव से सामान ढोये की मवेशियों के चारे का जुगाड़ करे. शासन द्वारा ग्रामवासियों को नाव उपलब्ध नहीं कराने से ग्रामवासी काफी आहत है. वे किसी तरह से जुगाड़ कर अपने मवेशियो को चारा अपलब्ध करा रहे है. खतरे के निशान से ऊपर  घाघरा के रौद्र रूप देख क्षेत्र के लोग सहमे हुए है.

रेवती प्रतिनिधि के अनुसार सोमवार को तड़के करीब तीन बजे घाघरा की प्रचण्ड लहरों ने तिलापुर डेंजर जोन के किमी 70.200 पर स्थित नोज को बीच से लगभग 75 प्रतिशत तक ध्वस्त कर दिया. नोज के पास बसे लोगों की नींद आवाज से उचट गई. जब लोगों ने क्षतिग्रस्त नोज देखा तो इसकी सूचना तुरन्त सिंचाई विभाग के कर्मियों को दिया. सुबह से ही नोज के डैमेज कन्ट्रोल के लिए कार्य शुरू हो गया. नदी के जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि की वजह से नदी का तेवर प्रतिदिन तल्ख होता जा रहा है. नदी के प्रचण्ड लहरों का वेग भयानक होता जा रहा है. नदी के विकराल रूप को देख घाघरा दियरांअंचल के रहवासियों की धड़कनों की गति तीव्र हो गई है.

नदी के बैक रोलिंग पॉइंट 69. 600 से 70.00 पर अभी बचाव कार्य जारी ही है. सोमवार की सुबह करीब 3:00 बजे नदी की कटार सी धारा ने 70. 200 पर स्थित नोज को भयानक रूप से बैकरोलिंग करते हुए बीच से करीब 30 मीटर की दूरी में 75% तक ध्वस्त कर दिया. सिंचाई विभाग द्वारा आनन-फानन में वहां भी बचाव कार्य शुरू किया गया. डैमेजिंग पॉइंट  पर  नायलान क्रेट में  एसी बैग डालकर  डाला जा रहा है. वहीं बोल्डर की सहायता से  डैमेज कवर किया जा रहा है.

एसडीओ अनिल कुमार ने बताया कि डैमेज प्वाइंट को कवर किया जा रहा है. स्थिति सामान्य है. हालांकि नदी के भयंकर रूप को देखते हुए अनुभवी ग्रामीणों का कहना है कि नदी की विकरालता बढ़ती जा रही है. ऐसे में नदी कब कहां और किस प्रकार कोई क्षति कर दे यह कहा नहीं जा सकता. उधर, नदी खतरा बिंदु 58.00 मीटर से 1 मीटर 35 सेंटीमीटर ऊपर 59.53 पर बह रही है. बाढ़ का पानी समीपवर्ती गांव नवकागांव, देवपुर मठिया, माझा, धूपनाथ का डेरा, बैद्यनाथ का डेरा आदि गांव में प्रवेश कर गया है. ऐसे गांव के रहवासियों को बाढ़ की वजह से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नाव की व्यवस्था नहीं होने से ऐसे गांव के निवासियों को नित्य कार्य के लिए अपनी जान जोखिम में डाल आवागमन किया जा रहा है. बाढ़ से घिरे गांव के निवासियों के लिए राशन की राशन की समस्या उत्पन्न हो गई है. शासन प्रशासन द्वारा राशन की राशन की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. पशुओं के चारे के लिए भी समस्या उत्पन्न हो गई है. बाढ का कहर जारी है. किसानों की फसलों को घाघरा की लहरें लील गई है जो फसलें बची है. वह भी जलमग्न हो गई है. नवकागांव में घरों के उजाड़ने का क्रम जारी है. 

बिल्थरारोड प्रतिनिधि के अनुसार तहसील क्षेत्र के घाघरा नदी के तटवर्ती दर्जनों गाँव नदी के पानी से घिर चुके हैं, जिससे बाढ़ की आशंका से तटीय बाशिंदे सहमे हुए हैं. पूर्व विधायक गोरख पासवान ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित गांवो का दौर किया और पीड़ितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया. प्रशासन द्वारा स्थापित बाढ़ चौकी के नाम पर केवल कागजी खाना पूर्ति की जा रही है. जिससे बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश गहराने लगा है.
हल्दीरामपुर के छपिया व नारापर गांव में दो दर्जन से अधिक घर पानी से घिर चुके हैं. पीड़ित बंधे पर रात गुजरने को विवश हैं. प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों के मध्य अभी तक कोई राहत सामग्री नहीं पहुँचायी गयी है. नारापार में जमींदारी बंधे से दो जगह से पानी व मिट्टी का रिसाव शुरू हो गया है. जिसको लेकर तटवर्ती लोग परेशान है. हालांकि बाढ़ खंड द्वारा बंधे को बचाने का कार्य शुरू हो गया है. पूर्व विधायक पासवान ने हल्दीरामपुर के अलावा बेल्थरा बाजार, सहियां, करीमगंज, उभांव, मुजौना, तुर्तीपार, खैराखास, महुआतर, गुलौरा मठिया, छोटकी टगुनिया आदि गावों का दौरा कर बाढ़ पीडितों का हाल जाना व उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाते हुए प्रशासन द्वारा बाढ़ पीडितो को मदद नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए प्रदेश सरकार को आड़े हाथो लिया. इस दौरान सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष आद्या शंकर यादव, प्रमोद यादव, अमलेश चौहान, जमील अंसारी, छात्र नेता ओमप्रकाश यादव, राजनाथ यादव, निशानी आदि मौजूद रहे.

बैरिया प्रतिनिधि के अनुसार इब्राहिमाबाद नौबरार (अठगांवा) के सठिया ढाला के पास बीएसटी बांध पर घाघरा के कटान का खतरा बढ़ गया है. बाढ़ खंड के युद्ध स्तर पर कार्य जारी रखने के बावजूद नदी का रुख नरम नहीं है. बंधे के अंदर लगभग दो लाख की आबादी भी इसको लेकर भयभीत है. सुबह से लेकर शाम तक यहां कटान की हर स्थिति पर आमलोग भी अपनी नजर रख रहे हैं. कटान स्थल पर ट्रकों से पत्थर का बोल्डर लगातार गिराया जा रहा है. अब कटान पर कम, सभी लोग बीएसटी बांध को ही सुरक्षित करने में लगे हैं, ताकि यदि कटान बांध तक पहुंच कर भी इसका नुकसान न कर सके. बीएसटी बांध की तह से ऊपर तक पत्थर का बोल्डर बिछाया जा रहा है. इसके अतिरिक्त दो बोल्डर स्टैंड भी बनाए जा रहे हैं. बाढ़ खंड के एसई एके राय ने बताया कि बांध को हर हाल में सुरक्षित किया जाएगा.