भोजछपरा में बालक डूबा, रामबालक बाबा आश्रम के सामने किसान का शव उतराया मिला

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​बैरिया/रेवती (बलिया)। रामबालक आश्रम के पास घाघरा के छाड़न में किसान का शव उतराया मिला, जबकि भोज छपरा गांव के सामने टीएस बंधा के उत्तर घाघरा के बाढ़ के पानी में एक 6 वर्षीय बालक की डूबने से मृत्यु हो गई.

बैरिया प्रतिनिधि के मुताबिक  रामबालक बाबा आश्रम के निकट भैस चराने गए किसान का शव शनिवार के भोर में नदी के पानी में उतराया हुआ मिला. वन विभाग नई बस्ती उपाध्यायपुर निवासी 56 वर्षीय राजाराम यादव शुक्रवार को अपनी भैस चराते हुए रामबालक बाबा के आश्रम के पास घाघरा नदी के गहरे पानी में चले गए. जिससे डूब कर उनकी मृत्यु हो गयी.

शाम को भैस घर लौट आई, मगर वे नहीं दिखे तो परिजन खोजबीन करने लगे. बाद में घाघरा के छाड़न में उतराया हुई उनकी लाठी मिली. 100 नम्बर पुलिस को इसकी सूचना दी गई है. इसके बाद चौकी इंचार्ज सुरेमनपुर रवीन्द्र यादव मौके पर पहुंच गए. प्रयास के बाद भी शुक्रवार के देर रात तक कोई सफलता नहीं मिली. शनिवार को भोर में पानी में उतराया हुआ उनका शव मिला. सूचना पर पहुंची पुलिस ने अन्त्यपरीक्षण के लिए शव भेज दिया है.

रेवती प्रतिनिधि के मुताबिक शनिवार को स्थानीय थाना क्षेत्र के भोज छपरा गांव के सामने टीएस बंधा के उत्तर घाघरा के बाढ़ के पानी में एक 6 वर्षीय बालक की डूबने से मृत्यु हो गई.

मिली जानकारी के मुताबिक भोज छपरा निवासी जयराम यादव का 6 वर्षीय पुत्र विपिन यादव बंधे के किनारे स्थित अपने घर से करीब एक बजे भैंस को नहलाने गए अपने दादा हरि चौधरी के पीछे घाघरा के बाढ़ के पानी की तरफ गया था. दादा हरि चौधरी को यह भान नहीं था कि विपिन भी उनके पीछे ही घर से निकला है. इसी बीच पता नहीं कैसे बालक बाढ़ के पानी में डूब गया.

भैसों को नहला कर घर लौटे दादा हरि चौधरी बालक को घर में नहीं देख खोजबीन करने लगे. खोजते-खोजते परिजन बाढ़ के पानी की तरफ गए तो वहां किनारे पर बालक का कपड़ा देख वे पानी में तलाशने लगे. इसी बीच पानी में ही विपिन का शव मिला. परिजन विपिन को लेकर सीएचसी रेवती इस आशा के साथ पहुंचे कि शायद वह जीवित हो. सीएचसी पर चिकित्सकों ने विपिन को मृत घोषित कर दिया. बालक के मृत्यु की खबर सुनते ही दादी प्रभावती देवी विक्षिप्तों जैसी हरकत करने लगी. पिता जयराम यादव की आंखें शून्य को निहार रही थी. मृतक विपिन की बहन 8 वर्षीय खुशबू तथा दादा हरि चौधरी का रोते-रोते बुरा हाल है. विपिन की माता रीना देवी अभी अपने मायका मयरवां (बिहार) में हैं.