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दुबहड़ (बलिया)। हिंदी साहित्य जगत के अमिट हस्ताक्षर मुंशी प्रेमचंद की जयंती की पूर्व संध्या पर रविवार को क्षेत्र के ग्राम पंचायत अखार स्थित महात्मा गांधी सार्वजनिक पुस्तकालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सामाजिक चिंतक एवं गीतकार बब्बन विद्यार्थी ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं में समाज में हो रही घटनाओं का सजीव चित्रण देखने को मिलता है. उनकी रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं और आने वाले दिनों में भी प्रासंगिक रहेंगी. मुंशी जी ने अपनी रचनाओं में दीन दुखियों, अन्याय तथा छुआछूत पर जमकर प्रहार किया है.
पुस्तकालय के प्रभारी डॉ अखिलेश सिंह ने मुंशी प्रेमचंद को सच्चा समाज सुधारक बताते हुए कहा कि रचनाकारों को अपनी रचनाओं से समाज को दिशा निर्देश देते रहना चाहिए. जो मुंशी जी की रचनाओं में साफ झलकती है. समाजसेवी प्रियम्बद दुबे ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद जैसे रचनाकारों के बदौलत ही साहित्य समाज को लोग युगों युगों तक याद रखेंगे. इस मौके पर गणेशजी सिंह, पन्नालाल गुप्ता, मस्ताना, राजेश पाठक, नितेश पाठक, सरल पासवान, कृष्णा हमदर्दी, अशोक मधुकर, दीपक दीवाना, भोला पाठक, रमेश सिंह, अख्तर अली आदि लोग उपस्थित थे. संचालन नसीम वारसी ने किया.