बबुआपुर मठिया की जमीन पर दबंगों का कब्जा

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समाधान दिवस से लेकर जिलाधिकारी तक से गुहार बेकार

हल्दी (बलिया) से सुनील कुमार द्विवेदी

योगी सरकार सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए कटिबद्ध होने का लाख दावा कर रही है, इसके लिए बकायदा प्रदेश के सभी थानों में एक दरोगा को अतिक्रमण प्रभारी के रूप में नियुक्त किया है.  भगवान शिव के जमीन पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है, लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा सुनने को तैयार नहीं है. मंदिर के पुजारी ने पिछले कई माह से समाधान दिवस, तहसील दिवस से लगायत संबंधित उच्चाधिकारियों के दरवाजा खटखटाया, लेकिन सभी प्रयास  विफल हुआ.

सरकारी मुलाजिम संगीन मामलों में भी कितने गंभीर है, यह बबुआपुर सोनवानी स्थित धार्मिक स्थल की जमीन सारी कहानी खुद बया कर रही है. बबुआपुर सोनवानी स्थित मठिया के भगवान शिव के नाम से 16 डिसमिल जमीन है. जिस पर सोनवानी निवासी दो लोगों ने कब्जा कर रखा है. बताया जाता है कि ये लोग पहले लकड़ी का व्यवसाय करने के सड़क किनारे कुछ जमीन किराए पर मांगा. जब मठिया के देख-रेख करने वाले साधू कुम्भ नहाने चले गए तो उसी जमीन पर सोनवानी निवासी दो लोगों ने आरओ प्लांट लगा दिया. जब मठिया के साधू लौटे तो देखा कि वहाँ स्थायी निर्माण कराया जा रहा है. इसको लेकर मठिया के पुजारी सुदर्शन दास थाना पहुंचे और घटना से अवगत कराया. थानाध्यक्ष ने तुरंत स्थाई निर्माण तो रुकवा दिया, लेकिन ऊपर से कब्जा हटाने का आदेश लाने को कहा.  

साधू सुदर्शन दास ने उपजिलाधिकारी सदर से 25 मई को मिलकर समस्या से अवगत कराया. एसडीएम सदर के कहने पर तीन जून को थाना दिवस पर प्रार्थना पत्र दिया. छह जून को तहसील दिवस पर प्रार्थना पत्र दिया.  फिर 10 जून को थाने में फरियद ले गए. 20 जून को जिलाधिकारी से मिले.  29 जून को पुनः उपजिलाधिकारी सदर से मिलकर अपनी दास्तां सुनाई. चार जुलाई को फिर तहसील दिवस पर गुहार लगाई. अधिकारियों के कहने पर आठ जुलाई को पुनः थाना दिवस पर  मठिया की जमीन छुडाने की गुहार लगाई.

लेकिन योगी सरकार के मुलाजिम  साधू की बात सुनने को तैयार नहीं है. मठिया के पुजारी सुदर्शन दास का कहना समाधान दिवस, तहसील दिवस सहित कई बार तहसीलदार, एसडीएम को लिखित शिकायती पत्र दिया. लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी आज तक भगवान शिव की जमीन को उनसे मुक्त नहीं कराया गया. बल्कि उल्टे ही उनकी तरफ से धमकी मिल रही है. वही मठिया की इस जमीन पर कब्जा हो जाने के कारण भगवान का भोग व खाने के लिए कुछ नहीं है.