भगवन्नाम संकीर्तन व सर्वकल्याण के विचारों से ही मिलती है सद्गति

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रेवती (बलिया)। क्षेत्र के बुद्धिरामपुर में आयोजित नौ दिवसीय श्री श्री रुद्र महायज्ञ के सातवें दिन गोपालगंज बिहार से पधारे मानस मर्मज्ञ  अरविंद दुबे ने भगवान श्री कृष्ण एवं रुक्मिणी के चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान को अपने भक्तों की रक्षा के लिए आना पड़ता है. रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से निश्चित होने पर उन्होंने भगवान को याद किया. भगवान ऐन मौके पर रुक्मिणी को अपने साथ ले जाकर उनकी रक्षा किए.

दुबे ने कहा कि मानव को अपने मन में भगवान का स्मरण करने के साथ ही सर्वकल्याणार्थ विचार रखना चाहिए. मन, क्रम, वचन को शुद्ध रखकर किए गए सद्कर्म से भगवान प्रसन्न होते हैं. कहा कि सतयुग, त्रेता , द्वापर में जहां भगवान को प्रसन्न करने के लिए ऋषि-मुनियों, मनीषियों द्वारा कठिन तप करना पड़ता था. वहीं कलिकाल में भगवान का नाम मात्र के स्मरण से ही भगवान प्रसन्न हो जाते हैं. यज्ञ के दौरान चल रहे मंडप परिक्रमा के क्रम में कुमारी कंचन एवं कुमारी रेखा द्वारा लगातार 12 घंटे परिक्रमा किया गया. वृंदावन से गोविंद प्रसाद के नेतृत्व में आई दाऊजी महाराज आदर्श रासलीला द्वारा प्रतिदिन रासलीला का सजीव मंचन किया जा रहा है.