सड़कों को चमकाने के लिए पैसे तो आते हैं, मगर जाते कहां हैं…..

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सिकंदरपुर (बलिया) से संतोष शर्मा 

अच्छी सड़कें ना केवल सुगम आवागमन के साधन हैं, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव के प्रगाढ़ और विकास को बल प्रदान करने में सहायक हैं. यही कारण है की सरकारों द्वारा नई सड़कों के निर्माण और  पुरानी सड़कों को चमकाने हेतु भारी धन खर्च किया जाता है. यदि शासन द्वारा स्वीकृति धनराशि मानक के अनुसार सड़कों का निर्माण हो तो निश्चित रुप से वह काफी समय तक टिकाऊ होंगी. जबकि ऐसा नहीं हो रहा है.

सड़कों के निर्माण हेतु शासन द्वारा स्वीकृत धन का आधा भाग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है, जिससे उनका निर्माण कमजोर होता है और वह साल दो साल के अंदर ही टूट कर आवागमन की समस्या पैदा करने लगती हैं. साथ ही उनके निर्माण पर खर्च हुआ धन बर्बाद हो जाता है. ऐसा नहीं कि स्थिति से लोग अवगत ना हो जनता सहित शासन और प्रशासन में बैठे लोग सभी जानते हैं कि सड़कों के निर्माण में धन की बंदरबाट होती है.

बावजूद इसके बंदरबांट पर अंकुश नहीं लगा. यह अनेक सवाल खड़ा करता है. सिकंदरपुर क्षेत्र की अनेक सड़कें उसी बंदरबांट के चलते खस्ताहाल हो अपने पुनिर्माण की बाट जोह रही है. उन्ही में एक है एकईल गौरी मार्ग. जिससे दो दशक पूर्व पिच किया गया था. यह सड़क 1 वर्ष बाद ही टूटनी शुरू हो गई थी इस दौरान एक बार भी सड़क का मरम्मत नहीं किए जाने से वह पूरी तरह गड्ढे में तब्दील हो गई है. जिससे लोग आवागमन की कठिनाई झेलने को विवश है. यही हालत चकिया हरपुर मार्ग की है. उपेक्षा व मरम्मत के अभाव में पूरी सड़क जर्जर हो गई है. जिससे वाहनों सहित पैदल तक इस पर आवागमन कठिनाई पूर्ण हो गई है.

सड़क की स्थिति पिछले डेढ़ दशक से है इस दौरान कई जनप्रतिनिधि आए और गए किंतु किसी का ध्यान सड़क की खस्ताहाली की तरफ नहीं गया. महुलानपार एकईल नहर मार्ग काफी व्यस्त है. इस मार्ग से महुलानपार व एकईल की दूरी कम होने से आवागमन करने वाले की काफी भीड़ रहती है. बावजूद इसके अब तक  मार्ग कच्चा ही है. इस सड़क को पक्का कर दिए जाने से नागरिकों को  व  उसके आगे आवागमन करने की आसानी हो जाएगी.

डीजल या पेट्रोल खरीदते समय आप तीन रुपये प्रति लीटर सरकार को सड़क बनाने के लिए देते हैं, क्या आपको कोई भी सरकार आप ही के पैसे का हिसाब दिया है. यह शुरुआत एनडीए की पहली बार की सरकार का है – विपिन बिहारी सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता, बलिया (फेसबुक वाल से)

 

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