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रेवती(बलिया)। नगर के उत्तर टोला स्थित दुर्गा मंदिर प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय शिवशक्ति प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ के सातवें दिन बिहार मीरगंज से पधारे बाल व्यास अरविंद दुबे ने भगवान भोलेनाथ के चरित्र का वर्णन किया.
“एक दिन वह भोले भंडारी बन करके ब्रज नारी, गोकुल में आ गए” कहा कि भगवान भोलेनाथ कन्हैया के दर्शन के लिए इतने व्यग्र हुए कि उन्होंने नारी का वेष धारण करने का माता पार्वती का प्रस्ताव भी स्वीकार कर लिया.
नारी का भेष धारण कर कन्हैया दर्शन के लिए माता पार्वती के साथ निकल पड़े. श्री दुबे ने कहा कि भगवान और भक्त के चरित्र का भगवान भोलेनाथ में अद्भुत उदाहरण पेश किए हैं. कहा कि भगवान एकमात्र श्रद्धा पूर्वक स्मरण करने पर ही प्रसन्न हो जाते हैं.
शक्तिपुत्र महाराज ने सती द्वारा अपने पिता के घर ही यज्ञ कुंड में कूद कर प्राण त्यागे जाने का वर्णन करते हुए कहा की नारी अपना अपमान तो बर्दाश्त कर सकती हैं. परंतु अपने पति का अपमान वह कदापि बर्दाश्त नहीं करती सकती. कहा कि सती अपने पिता दक्ष के यहां यज्ञ में पहुंचने के पश्चात अपना अपमान किए जाने के बाद भी विचलित नहीं हुई लेकिन यज्ञ में अपने पति का भाग न देखकर विचलित हो यज्ञ कुंड में ही कूद कर अपना प्राण त्याग दिया. यह समाचार शिव के कानों तक पहुंचने के बाद जो हुआ तीनों त्रिलोक इसका साक्षी बना.भजन गायक शशिकांत मिश्र एवं राजेश जी के भजनों पर श्रद्धालु भक्त भक्ति सागर में देर रात्रि तक डुबकी लगाते रहे. उधर पं. सुनील शास्त्री द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच लगभग डेढ दर्जन मूर्तियों का प्राणप्रतिष्ठा कराया गया.