वाह री पुलिस : ‘रामजी-सीताजी’ लापता, ‘लक्ष्मणजी’ पुलिस के मालखाने में

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बसुधरपाह (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र
हमारी पुलिस कितनी चाक चौबन्द है यह इसका उदाहरण ही है कि ‘रामजी और सीताजी’ तीन साल से लापता हैं और ‘लक्ष्मणजी’ छह माह से वाराणसी जनपद के सारनाथ थाने के मालखाने में बन्द पडे है. बात बलिया जिले के हल्दी थाना क्षेत्र के बसुधरपाह गाँव के सौ से भी अधिक साल पुराने राम मन्दिर की है.

लगभग तीन साल पहले इस गाँव के मन्दिर से राम, सीता व लक्ष्मण की अष्टधातु की बहुमूल्य मूर्तियां चोरी हो गयी थीं. तब पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर गाँव वालों पर एहसान कर आराम से बैठ गयी. गाँव के बुजुर्ग मैना पाण्डेय उर्फ थलिस बिहारी पांडेय ने बताया कि यह गांव का सबसे पुराना मंदिर है. मंदिर जब जीर्ण होने लगा तो गाँव वाले मन्दिर के नव निर्माण का मन बनाये. निर्माण कार्य में सुविधा रहे इसलिये मन्दिर परिसर में ही तीनों मूर्तियां स्थान से हटाकर टीन शेड मे रख दी गयीं. गाँव के लोग पूजा भी करने लगे और निर्माण भी शुरू हो गया.

उसी दौरान तीन साल पहले मूर्ति चोरी हो गयी. मन्दिर में राम लक्ष्मण व जानकी की काफी ऊँची व भारी भरकम अष्टधातु की बहुमूल्य मूर्तियां स्थापित थी. जिसे गाँव के ही पूर्वज ने स्थापित कराया था. उसी गाँव के अधिवक्ता देव नारायण पाण्डेय ने बताया कि हल्दी थाने में प्राथमिकी के बाद गाँव के लोग थाने का चक्रमण करते-करते थक कर बैठ गये. इस बीच मन्दिर बन कर तैयार हो गया है. यह मन्दिर  गाँव के लिये बहुत महत्वपूर्ण है. पूरे गाँव के हर घर का शुभ कार्य यहीं से शुरू होता है.

युवा संजय पाण्डेय ने बताया कि पुलिस ने कुछ नहीं किया. अब हम लोग निराश होकर यहाँ दूसरी मूर्ति स्थापित कराने की तैयारी में ही थे कि लगभग चार माह पूर्व वाराणसी के सारनाथ थाने पर गाजीपुर जिले का संजय राम नामक मूर्ति चोर लक्ष्मणजी की मूर्ति के साथ पकडा गया. वहां उसने बताया कि यह मूर्ति बलिया के बिगही गाँव निवासी संजय राम नामक व्यक्ति के सहयोग से बसुधरपाह गाँव के मन्दिर से चुराई गई है. समाचार पत्रों मे खबर पढ कर गाँव के लोग सारनाथ गए. मूर्ति की पहचान हुई. तब से हमलोग और मूर्तियों के बरामद करने व लक्ष्मणजी की मूर्ति दे देने के लिये सारनाथ व हल्दी थाने का चक्कर लगा रहे हैं.

संजय पाण्डेय ने हल्दी थानाध्यक्ष पर लापरवाही व टाल मटोल का भी आरोप लगाया. फिलहाल संजय राम वाराणसी व बेचू राम बलिया के जेल में बन्द है. राम व जानकी की मूर्ति बरामदगी के प्रति पुलिस निष्क्रिय है. लक्ष्मणजी की मूर्ति पुलिस के मालखाने में जमा पड़ी है. ग्रामीणों में पुलिस के रवैये के प्रति जबरदस्त आक्रोश है. मालूम हो कि बसुधारपाह गांव स्थित मंदिर से अतिप्राचीन ‘अष्टधातु’ प्रतिमाएं चोरी होने पर तत्कालीन डिप्टी एसपी सुरेशचंद रावत ने कहा था कि “चोरों ने ऐतिहासिक मंदिर का ताला तोड़ दिया और राम, लक्ष्मण और जानकी की प्रतिमाएं ले उड़े. रावत की माने तो प्रतिमाएं करीब सवा सौ साल पुरानी थी. रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई. सोना और चांदी सहित आठ धातुओं के मिश्रण से बनी इन मूर्तियों का अंतरराष्ट्रीय मूल्य करोड़ों रुपये है.