टीचर आठ पर एक, मगर पीने के पानी तक के मोहताज हैं बच्चे

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बेल्थरारोड (बलिया)। क्षेत्र के चंदाडीह स्थित जूनियर हाईस्कूल व प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में बच्चों की प्यास बुझाने के लिए लगा हेण्डपम्प अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा है.

प्रदेश सरकार प्राथमिक स्कूलों की शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए प्रभावी कदम उठाने के साथ साथ हर प्रकार की सुविधा विद्यालयो पर उपलब्ध करा रही है, पर प्राथमिक स्कूलों की दशा दिन प्रतिदिन ख़राब होती जा रही है. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है, चंदाडीह स्थित जूनियर हाईस्कूल व प्राथमिक विद्यालय. जहां बच्चों को इस चिलचिलाती धूप में प्यास बुझाने के लिए कोई इंतजाम नहीं है. स्कूल प्रांगण में लगा इण्डिया मार्का हेण्डपम्प महीनो से ख़राब पड़ा है, पर इस पर कोई ध्यान नहीं देने वाला है.

इस स्कूल के अध्यापक अध्यापिकाएं  सरकार के आदेश को ताक पर रखकर समय से स्कूल भी नहीं आते हैं. ग्रामीणों द्वारा विभागीय अधिकारियों से कई बार शिकायत किया गया पर कोई  करवाई नहीं नहीं हुई. यहां तक की बच्चों को मिलने वाला फल भी नहीं दिया जा रहा है. स्कूल में बच्चों की संख्या इतनी है कि एक बच्चे की ट्यूशन फ़ीस के बदले 4 हजार रुपये अध्यापको को मिल रहा है. हालात इस कदर है कि एक अध्यापक  8 बच्चे को ही पढ़ा रहा है. बच्चों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है. एबीएसए राकेश सिंह ने बताया कि इसकी जांच की जायेगी.