…मगर बैरिया को लेकर संशय बरकरार

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बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र

ग्राम पंचायत बैरिया से परिवर्तित होकर नवसृजित नगर पंचायत बैरिया के लिए चुनाव निकाय चुनाव के साथ ही हो, इस बात पर संशय खड़ा हो गया है. जिसकी जानकारी होने पर बैरिया  ग्राम पंचायत/ नगर पंचायत के नागरिक हतप्रभ हैं. लोगों का कहना है कि एक तरफ बैरिया  ग्राम पंचायत द्वारा हो रहे विकास कार्यों पर नगर पंचायत का आवरण लगाकर ब्रेक लगा दिया गया. ग्राम पंचायत के खातों पर रोक लगा दिया गया.

30 जून को बैरिया नगर पंचायत के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई. 25 नवंबर को जिलाधिकारी व तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक ने बैरिया पंचायत भवन पर नगर पंचायत कार्यालय का बोर्ड लगा कर नगर पंचायत का उद्घाटन करके कर्मचारी भी तैनात कर दिए. ग्राम पंचायत के खाते बंद कर दिए गए, तब से बैरिया प्रधान शान्ति देवी द्वारा विकास संबंधी मामलों को छोड़कर शेष सारे कार्य कराए जा रहे हैं. बैरिया का विकास होगा इस आस में नगर पंचायत बनने का बैरियावासियों द्वारा  स्वागत किया गया, लेकिन विकास कार्य अवरुद्ध ही रहा. तत्कालीन सपा विधायक के निर्देशों पर यह 1-2 शिलापट भी लगाए गए. सफाई कर्मचारी रखकर सफाई का कार्य भी शुरू कराया गया. तब लोगों ने कयास लगाया था कि अन्य निकाय चुनाव से पहले या फिर अन्य नगर पंचायतों के चुनाव के साथ ही यहां का भी चुनाव होगा. कुछ लोग चेयरमैन पद के चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए.

उधर, विधानसभा चुनाव से निपटने के बाद जिला प्रशासन निकाय चुनाव की तैयारी में जुट गया है. इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती भी बुधवार को करके आवश्यक मोबाइल नंबर भी जारी कर दिए गए हैं. नगरपालिका के साथ नगर पंचायतों का भी चुनाव मई जून में होने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन नवसृजित नगर पंचायत बैरिया के नाम पर संशय बरकरार है. इस मामले में बैरिया प्रधान शांति देवी का कहना है कि अगर अन्य जगह के चुनाव के साथ बैरिया नगर पंचायत का चुनाव नहीं होता है तो यह बैरिया  ग्राम पंचायत/ नगर पंचायत वासियों के साथ धोखा होगा.

आखिर इतने दिन बैरिया का विकास रोका गया और कितने दिन रुकेगा. इसकी क्षतिपूर्ति कैसे होगी. वही प्रधान प्रतिनिधि शिव कुमार वर्मा मंटन का कहना है कि चुनाव तो साथ साथ होना चाहिए. ऐसा न होने की दशा में बैरिया विकास के मामले में काफी पीछे छूट जाएगा, और अपने आप को ठगा महसूस करेगा. वर्मा ने यह भी कहा कि जिस समय बैरिया नगर पंचायत घोषित हुआ उसी समय प्रदेश में और भी जगहों के ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाया गया. सब जगह ग्राम पंचायतों के खाते अबाध गति से चल रहे हैं, लेकिन कतिपय लोग अपनी पहुंच और पौव्वा के बदौलत बैरिया ग्राम पंचायत  का खाता बंद करा दिए. परिणाम स्वरूप यहां का विकास ही अवरुद्ध हो गया. बैरिया के ठहर चुके विकास की धारा को प्रवाहपूर्ण बनाने के लिए प्रदेश में होने वाले सभी नगर पंचायतों के चुनाव के साथ बैरिया नगर पंचायत चुनाव कराने की मुख्यमंत्री से मांग की जाएगी.