चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की पूर्व संध्या पर विराट पथ संचलन

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बलिया। नगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेतृत्व में भारतीय नव वर्ष 2074वीं चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की पूर्व संध्या पर एक विराट पथ संचलन का आयोजन हुआ. पथ संचलन रामलीला मैदान से निकल कर शीशमहल, चित्तू पाण्डेय चैराहा, विशुनीपुर मस्जिद, गुरुद्वारा रोड, चैक, लोहापट्टी, गुदरीबाजार, स्टेशन रोड, विजय सिनेमारोड होते हुए वापस रामलीला मैदान पहुंचा. वहां पहुंचने के बाद साल भर में एक बार होने वाले आद्य सर संघ चालक प्रणाम कार्यक्रम में सभी स्वयंसेवकों ने भाग लिया.

मुख्यवक्ता धर्म जागरण प्रमुख झारखण्ड प्रांत शिवमूर्ति जी ने स्वयंसेवकों एवं आम जनमानस को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत वर्ष वह पावन भूमि है, जिसने सम्पूर्ण ब्रहमाण्ड को अपने ज्ञान से आलोकित किया है. कहा कि प्रत्येक चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के प्रथमा को भारतीय नव वर्ष का प्रारम्भ होता है, जो वैज्ञानिक दृष्टि के साथ साथ सामाजिक व सांस्कृतिक संरचना को प्रस्तुत करता है. भारत में अन्य संवत्सरों का प्रचलन बाद के कालों में हुआ, जिसमें अधिकांश वर्ष प्रतिपदा को ही प्रारम्भ होते है.  इनमें विक्रमी संवत महत्वपूर्ण है. इसके अतिरिक्त भगवान श्रीराम का जन्म भी चैत्र शुक्ल में तथा वरूण देवता झूलेलाल का जन्म आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म तथा मां दुर्गा की साधना का एवं यह सुखद संयोग है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक आद्यसर संघ चालक पूजनीय डा.केशव बलिराम हेडगोवर का जन्म भी आज से 128 वर्ष पूर्व हुआ था. संघ की स्थापना के प्रायः 92 वर्ष हो चुके है. एक विशाल बट वृक्ष की तरह छाया करते हुए संघ अपनी समस्त शाखा, प्रशाखाओं के माध्यम से सम्प्रति सम्पूर्ण भारत राष्ट्र के साथ ही विश्व भर में फैले विराट हिन्दू समाज का मार्गदर्शन कर निरंतर उसे सुदृढ़ बनाने में संलग्न है. आज संघ विचार परिवार बढ़ता जा रहा है. राष्ट्र के परम उभ्युदय का पावन लक्ष्य सामने रखकर संघ की स्थापना की थी. वह आज भी सर्वाधिक प्रासंगिक है. इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी भारतीय नव वर्ष उसी नवीनता के साथ देखा जाता है. नये अन्न किसानों के घर में आते है. वृक्ष में नये पल्लव यहां तक कि पशु-पक्षी भी अपना स्वरूप नये प्रकार से परिवर्तित कर लेते है. होलिका दहन से बीते हुए वर्ष को विदा कहकर नवीन संकल्प के साथ वाणिल्य व विकास की योजना प्रारम्भ होती जाती है. वास्तव में परम्परागत रूप से नववर्ष का प्रारम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही होता है. इन्हीं शब्दों के साथ मैं आप सभी गणमान्य लोग एवं स्वयंसेवकों को भारतीय नव वर्ष की शुभकामना देता हूं.

पथ संचलन का लोगों ने पुष्प वर्षा कर किया स्वागत

पथ संचलन का रास्ते में कई जगह पुष्प वर्षा कर लोगों ने स्वागत किया. आज पूरा नगर भारत माता की जय के उद्घोष से गुजायमान हो गया. पथ संचलन में सभी विचार परिवार के लोगों ने भाग लिया. अतिथियों का परिचय जिला कार्यवाह विनय जी ने कराया. कार्यक्रम में डॉ.मुरली मनोहर श्रीवास्तव,  संजय शुक्ल, गिरीश नारायण चतुर्वेदी, विभाग प्रचारक सुरजीत, रविन्द्र वर्मा, विनय सिंह, मुक्ता प्रकाश, डॉ.विनोद सिंह, सुरेश राय, श्रवणजी, निर्भय, संजय कश्यप, उमापति, तारकेश्वर, संजय कश्यप, डॉ.बद्री नारायण, राघवेन्द्र, धनंजय पाण्डेय, अखिलेश, मोतीचंद्र गुप्त, राजनारायण तिवारी, जितेन्द्र, अरूण आदि स्वयंसेवक उपस्थित रहे. अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश सतीश चंद्र राय एवं संचालन एवं कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक उमापति ने किया.