योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाने के लिए विधायकों का हठयोग

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रक्षा मंत्री पारिकर को विधायकों के दबाव में गोवा का सीएम बनाना पड़ा. ऐसा यूपी में क्यों नहीं हो सकता ?

यशोदा श्रीवास्तव

गोरखपुर। यूपी में सीएम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. कभी खन्ना, कभी महाना, कभी मौर्या और कभी योगी का नाम तेजी से उभरता है. इस बीच खबर आ रही है कि गोरखपुर के बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाने के लिए पूर्वांचल के बीजेपी विधायकों ने गोपनीय तरीके से हठयोग शुरू कर दिया है. बीजेपी के एक विधायक ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि आखिर गोवा में रक्षा मंत्री पारिकर को विधायकों के दबाव में सीएम बनाने को मजबूर होना पड़ा. ऐसा यूपी में क्यों नहीं हो सकता ?

कहा कि सीएम के लिए अभी तक जिन विधायकों का नाम आ रहा है उनकी योग्यता बस यही है कि वे कई बार से विधायक हैं या पार्टी के किसी बड़े नेता के करीबी. यदि सीएम बनने की यही योग्यता अनिवार्य है तो योगी जी न केवल स्वयं कई बार से एमपी होते रहे हैं, बल्कि पूर्वांचल के कई विधायक हैं जो योगी जी की कृपा से कई बार से विधायक होते रहे हैं. इनमें गोरखपुर शहर के विधायक राधामोहन अग्रवाल और सिद्धार्थनगर जिले के बांसी विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक जय प्रताप सिंह का नाम लिया जा सकता है.

फिलहाल विधानसभा चुनाव में योगी को जितनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी उससे भी योगी को सीएम के रूप में देखा जाने लगा था. योगी के धुंआधार प्रचार का ही नतीजा रहा कि पूर्वांचल से बाकी दलों का सूपड़ा साफ हो गया. योगी के करीबी तथा डुमरियागंज से 108 वोटों से विधायक चुने गए राघवेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि योगी जी को सीएम बनाने के लिए शीर्ष नेतृत्व को विचार करना चाहिए क्योंकि यूपी में सीएम के लिए योगी से बड़ा दूसरा कोई चेहरा नहीं है.

कहा कि पूर्वांचल के 60 नहीं सभी बीजेपी विधायकों का सीएम के लिए पहली पसंद योगी हैं. गोवा और मणिपुर में सरकार बनाने में बीजेपी ने जैसी जल्दबाजी दिखाई वैसी यूपी को लेकर यदि नहीं है तो इसके पीछे सीएम के लिए चेहरे की तलाश है. योगी के अलावा अब तक जितने चेहरों की चर्चा हुई है उनमें से कोई नहीं जो योगी के सामने टिकने की हैसियत रखता हो. पार्टी नेतृत्व के सामने योगी को इग्नोर कर किसी अन्य चेहरे को आगे करना आसान नहीं है. माना जा रहा है कि दर्जन भर नामों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह का नाम शुरू करने के पीछे भी योगी हैं. राजनाथ भी पूर्वांचल के हैं और ठाकुर हैं. सीएम के लिए उनके नाम पर मुहर लगती है तो योगी खेमा खामोश रहेगा. राजनाथ के सीएम बनने की दशा में एक फायदा होगा कि योगी के समर्थक कई विधायक मंत्री बन जाएंगे. ऐसा योगी को बैलेंस करने के लिए जरूरी होगा.