जीत-हार के साथ मंत्री बनने के भी हो रहे दावे

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

संघर्ष के संगम में गंगा जमुना के बाद लुप्त सरस्वती पर लगी निगाहे

रसड़ा (बलिया) से संतोष सिंह 

जैसे-जैसे मतगणना की तिथि नजदीक आ रही है, रसड़ा विधानसभा क्षेत्र में चारों तरफ जीत हार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म तो है ही वहीं दूसरी तरफ सपा, बसपा व भाजपा के सिपहसालार अपने-अपने प्रत्याशियों के जीत तो जीत हारने के बाद भी उनके मंत्री बनने का दावा कर रहे हैं.

अब ऐसा अपने रिकवरी को रोकने के लिये कर रहे हैं या उनको खुश करके अभी भी खाने पीने की व्यवस्था को बरकरार कम से कम मतगणना के दिन तक जारी रखना चाहते हैं. यह तो स्पष्ट नहीं हो पा रहा है, किन्तु जो सच्चे समर्थक है, उनका मिजाज काफी गंभीर बना हुआ है. क्योंकि रसड़ा विधानसभा क्षेत्र में संघर्ष के संगम में आमने-सामने के संघर्ष के बावजूद लोग गंगा जमुना के बाद लुप्त सरस्वती की गति पर भी निगाहे गड़ाये हुए हैं.

यही वजह है कि राजनीति के गणितकारों की गणित इस बार स्पष्ट नहीं हो पा रही है. उनका मानना है कि गंगा जमुना के संघर्ष संगम में सरस्वती ने किसको कितना लुप्त किया है, इसी पर रसड़ा की जीत हार की गणित टीकी हुई है. बावजूद इसके विभिन्न दलों के खाऊ पीऊ टाइप के उनके सिपहसालार अपने नेता को सरकार में मंत्री बनने की डिंग हांक रहे है.