अब न रहेगी उनकी मूंछ, न वह दिखाएंगे अपना चेहरा

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चुनाव बाद हर गांव में लग रही मतदाताओं में ऐसी ही शर्त
जयप्रकाशनगर से लवकुश सिंह

विधान सभा चुनाव के छठे चरण का मतदान शांति पूर्ण संपन्न हो गया. सभी लोग अब शांत मुद्रा में जीत-हार के आकलन में जुट गए हैं. हम बात बैरिया विधान सभा की करें तो यहां कुल 03 लाख 39 हजार 872 मतदाताओं के बीच कुल 17 प्रत्‍याशी मैदान में थे. यहां पोलिंग का प्रतिशत 55.16 रहा. जबकि वर्ष 2012 के विधान सभा चुनाव में यहां पोलिंग 44.32 प्रतिशत था. माना जा रहा है कि यहां जिस प्रत्‍याशी को 30 प्रतिशत मत प्राप्‍त हुआ होगा, विजय का ताज भी उसी के सिर होगा. यहां यह भी सच है कि सभी प्रत्‍याशी या उनके समर्थक अभी भी जीत के ही दावे कर रहे हैं.

भाजपा, सपा बसपा या फिर निर्दल सभी के यहां वोट का जोड़-घटाव किया जा रहा है. पार्टी कार्यालय से अलग हम गांव के अंदर बाजारों की अब शोर को सुने तो. सभी दल के समर्थक एक ही स्‍थान पर जमा होकर, अपने-अपने दावे ठोक रहे हैं. कहा तो यहां तक जा रहा है कि यदि फलां प्रत्‍याशी नहीं जीते तो मै अपना मूंछ मुड़वा दूंगा. वहीं किसी दल का समर्थक अपने प्रत्‍याशी के विजयी नहीं होने पर गांव को भी हमेंशा के लिए छोड़ देने की बात कर रहा है. इसके अलावा और भी कई तरह के शर्त जीत-हार को लेकर हर जगह लग रहे हैं.

मानिए तो अब हर गांव में हार गए मतदाता

विधान सभा बैरिया में जीत-हार के दावों के बीच अब सामान्‍य मतदाता ही एक तरह से हार गए हैं. वजह कि कल तक उनकी पूछ की कोई सीमा ही नहीं थी. पूरे चुनाव गांव के विकास सब्‍जबाग और सपनों के बीच उनकी जिंदगी सफर कर रही थी. चुनाव बीतने के बाद अचानक उनकी जिंदगी अब अकेली हो चली है. अब शायद उन्‍हें सकून उसी दिन मिलेगा, जिस दिन वोट की गिनती होगी, और उनके समर्थन का प्रत्‍याशी विजयी होगा. सांथ ही उन्‍हें खुशी उस दिन मिलेगी, जब उनका चुना हुआ नेता उनके विश्‍वास पर पूरी तरह खड़ा उतरेगा.

जीत-हार के आकलन का आधार, जातिगत आकड़ा

बैरिया में चुनाव संपन्न होने के बाद, सभी दलों के प्रत्‍याशी या समर्थक जीत-हार का आकलन जातिगत आकड़ों को लेकर ही कर रहे हैं. हर दल अपने-अपने कार्यकर्ताओं के माध्‍यम से गांव-गांव से जातिगत आकड़ा मांग रहे हैं. पार्टी कार्यालयों की आवाज सुने तो वहां भी कार्यकताओं से पहला सवाल यह हो रहा है कि उनके पंचायत में कुल पोलिंग कितनी है और दूसरा सवाल जातिगत आकड़े का ही है. कार्यकर्ता भी अपने-अपने गांव का सटिक डाटा लेकर कार्यालय पर पहुंच कर गुणा-गणित कर रहे हैं. अभी तक यहां जीत के दावे भी लगभग सभी के हैं.