कहीं सड़कों का अभाव, कहीं खराब मिले ईवीएम

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जयप्रकाशनगर से लवकुश सिंह

गंगा और घाघरा नदी बीच बसे बैरिया विधान सभा में सुबह के सात बजे से मतदान तो शुरू हो गया, किंतु मतदान केंद्रों पर भीड़ इसके दो घंटे बाद ही कम होनी शुरू हो गई. हां मतदाताओं के दिलों में अलगाव जरूर देखा गया, किंतु उनके संबंधों में एकता देखी गई. सभी लोग मिलजुल कर वोट का प्रतिशत बढ़ाने में लगे थे. हां, नजरों से इशारे जरूर हो रहे थे कि मत कहां देना है.

आज के दिन हमने मतदान निरीक्षण की शुरूआत संपूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव जयप्रकाशनगर से की. दिन के आठ बज रहे हैं और हम हैं यहां के दलजीत टोला के मतदान केंद्र पर. लगभग सौ से अधिक लोग लाइन में लगे हैं, किंतु महिलाएं कम हैं, पूछने पर वहां के मतदाता गजेंद्र सिंह ने कहा कि घर की महिलाएं भेजन पकाने के बाद दोपहर में ही मत डालने आएंगी. यहां से हम पलटू नगर चांददियर के मतदान केंद्र-322 पर 10 बजे पहुंचे. यहां के हालात ऐसे थे कि यहां मतदाताओं के जाने बाले मार्ग ही नहीं थे.  मतदाता किसी तरह पगडंडी से मतदान केंद्र तक पहुंच कर अपना वोट डाल रहे थे.

बैरिया विधान सभा के धतूरी टोला के मतदान केंद्र पर पसरे सन्‍नाटा का नजारा

यहां से हम निकले जब ठेहा पहुंचे तो वहां बूथ संख्‍या-323 और टोला फतेहराय बूथ संख्‍या-319, प्रीतम छपरा के बूथ संख्‍या-304, दलन छपरा के बूथ संख्‍या-178, आदि पर ईवीएम मशीन खराब होने के कारण लगभग डेढ़ से दो घंटे तक मतदान बाधित रहा. सबसे ज्‍यादा ताज्‍जुब सुकरौली के पंचायत भवन पर के मतदान केंद्र-194 को देख कर हुई. वहां न मतदाताओं को लाइन में लगने की जगह थी, न पानी और शौचालय की व्‍यवस्‍था.

सुकरौली में नहीं थी मतदाताओं को खड़े होने की भी जगह

लोग किसी तरह वोट की औपचारिका पूरी कर रहे थे. सबसे खास यह कि इस विधान सभा चुनाव में सभी दलों के प्रत्‍याशी भले ही कार्यकर्ताओं के कंधे पर चुनाव की जिम्‍मेदारी लाद, यह मंशा रखते हों कि उनके कार्यकर्ता चुनाव के दिन जी जान देकर उनके लिए काम करेंगे, किंतु यहां तस्‍वीर उसके विपरीत ही मिली. सभी दलों के कार्यकर्ताओ ने चुनाव के दिन आपसी एकता का एक अलग मिसाल कायम कर रहे थे. गंवई संबधों का ख्‍याल कर सर्वत्र शांति स्‍थापित थी.

अब दिन के तीन बज रहे हैं और हम हैं बैरिया से सटे धतूरी टोला में. यहां का बूथ पूरी तरह खाली दिखाई दे रहा है. कोई भी लाईन में नहीं लगा है. यहां से हमने बैरिया कंट्रोल रूम में फोन लगाया और तीन बजे तक का मतदान प्रतिशत पूछा. जबाब मिला कि बैरिया में मतदान का प्रतिशत तीन बजे तक करीब 46.20 प्रतिशत पहुंच चुका है.

बहुत दिनों से था अरमान, हम भी डालें वोट

बैरिया विधान सभा में मतदान का पर्व सही समय पर शुरू हो गया था. आज हमें ऐसे भी युवा मिले, जो पहली बार 2017 के विधान सभा चुनाव में अपना वोट डाले, काफी खुश नजर आ रहे हैं. हमने जयप्रकाशनगर के दलजीत टोला में पहली बार वोट डाल कर घर वापस जा रहे युवाओं से बात की. हमें मिले आजाद, आशीष, राजा आदि ने बताया कि दिल में बहुत दिनों से यह अरमान था कि हम भी अपना वोट डालें, वह मुराद इस बार उम्र होने पर पूरी हो सकी. उनसे यह यह सवाल कि आप लोगों ने अपना वोट किस लिए और किसको दिया ? जबाब मिला कि हम युवा हैं, जातिवादी नहीं, गांव का विकास कौन कर सकता है ? यूवाओं का ख्‍याल कौन कर सकता है ? हमने उसी को वोट दिया है.

यूपी-बिहार सीमा पर रही चौकसी

बैरिया विधान सभा में पशासन की विशेष नजर यूपी-बिहार की सीमा पर भी रही. मांझी का जयप्रभा सेतु हो या जयप्रकाशनगर का बीएसटी बांध. सर्वत्र विशेष रूप से चौकसी देखी गई.

नाम को लेकर मतदाता रहे परेशान

तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद इस बार मतदाता सूची से नाम कटने की शिकायत का तांता लगा रहा. गांव के लोगों ने खुले रूप से अपने बीएलओ पर यह आरोप लगाया कि बीएलओ गांव की जातिगत भावना से अधिकांश लोगों का नाम सूची से गायब कर दिए हैं. यह शिकायत हर बूथ पर आम थी.