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वीरेंद्र नाथ मिश्र
बैरिया/बलिया/वाराणसी। बैरिया विधानसभा क्षेत्र के दक्षिणी सिरे से गुजरने वाली गंगा नदी के जल स्तर में पिछले 24 घंटे में 16 सेंटीमीटर बढ़ाव दर्ज किया गया. जिससे तटवर्ती गांवों में अफरा तफरी का माहौल है. उधर, हमारे वाराणसी संवाददाता ने बताया कि दशाश्वमेध घाट पर स्थित अति प्राचीन मां शीतला का पांव पखारने के बाद गंगा का वेग थोड़ा कम हो गया है. बुधवार को ढाई सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हो रही बढ़ोतरी अब एक सेंटीमीटर प्रति घंटे हो गई है.
मगर खतरे की घंटी बलिया में बज रही है. पिछले 3 सप्ताह से गंगा के बाढ़ व कटानरोधी कार्य आधे अधूरे हालात में ही छोड़कर बंद कर दिए गए है. बाढ़ विभाग, ठेकेदार, मजदूर आदि सभी लोग लौट चुके हैं. कटानरोधी कार्य में लगे जेसीबी व अन्य उपकरण एनएच-31 के उत्तर सुरक्षित स्थानों पर रखकर लोग लौट चुके हैं.
केंद्रीय जल आयोग गायघाट से गुरुवार को सुबह जारी सूचना के अनुसार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 56.64 मीटर दर्ज किया गया, तथा लगातार बढ़ाव जारी रहने की बात बताई गई. यहां बुधवार को सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 56.48 मीटर दर्ज किया गया था. यहां पर खतरा बिंदु 57.61 मीटर पर है. 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 16 सेंटीमीटर बढ़ा, और बढ़ाव जा रही है, तथा गंगा नदी खतरा बिंदु से 97 सेंटीमीटर नीचे बह रही है.
उधर, वाराणसी में गंगा घाट इन दिनों जल में विलीन हो चुके है. हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. चाहे दशाश्वमेघ घाट हो, राजेन्द्र प्रसाद घाट हो या फिर शीतला घाट हो गंगा का जलस्तर लगातार ऊपर चढ़ता दिख रहा है. लॉकडाउन में बदहाली की मार झेल रहे नाविकों की नौका पहले से शांत थी. एक दो सवारी वाले आते थे तो दिन की चाय का खर्च निकल जाता था. लेकिन, अब वाराणसी के जिलाधिकारी ने सुरक्षा के लिहाज से नौका संचालन पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया है. अब आने वाली 15 सितंबर तक गंगा में नौका नहीं चलेगी. वाराणसी में नाविक और पुरोहितों पर गंगा के बढ़ते जलस्तर का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. अब नाविक पूरी तरह बेरोजगार हो गए हैं और जलस्तर ऊपर चढ़ने से यजमान नहीं आ रहे. जगह कम है तो चौकियां नहीं लग पा रहीं, ऐसे में पुरोहित भी बेरोजगार हैं.