सिकंदरपुर-मनियर मार्ग से सटे गांवों के घरों और दियारे में बने डेरों में घुसा बाढ़ का पानी

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सिकन्दरपुर (बलिया) से संतोष शर्मा

उफनाई सरयू नदी ने क्षेत्र में तबाही मचाने शुरू कर दिया है. नदी के बाढ के पानी में क्षेत्र के विभिन्न दियारों में हजारों बीघे में खड़ी धान सहित अन्य फसलें पानी में डूब कर बर्बाद हो चुकी हैं. बाढ़ का पानी रिंग व टीएस बंधा को चूम कर उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. साथ ही अनेक तटवर्ती गांवों में तेजी से पानी घुसता जा रहा है, जिससे उन गांवों के निवासियों में दहशत है. खरीद-दरौली घाट पर जाने वाले रास्ते पर पानी भर जाने से बिहार से संपर्क लगभग टूट गया है.

उधर फसलों के पानी में डूब जाने से पशुपालकों की भी मुसीबतें बढ गई हैं. कई दिनों से क्षेत्र में सरयू नदी निरन्तर बढ़ाव पर है. फलतः बाढ़ का पानी दियारा क्षेत्र में फैल चुका है. किसान और पशुपालक वहां से भाग कर अपने मवेशियों के साथ टीएस व रिंग बन्धे पर शरण लिए हुए हैं. खरीद से दरौली घाट को जाने वाले रास्ते पर भी पानी भर गया है, जिससे आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है.

किसानों की धान, मक्का, बाजरा, ज्वार के अलावा अन्य फसल बर्बादी के कगार पर हैं.
घाघरा नदी का जलस्तर जिस हिसाब से 15 दिन पहले बढ़ रहा था, उससे लग नहीं रहा कि हालात इस कदर बिगड जाएंगे. लेकिन एक अगस्त से सरयू नदी का पानी दिन रात बढ़ता ही जा रहा है. अब तो नदी का पानी सिकंदरपुर मनियर मार्ग से सटे गांवों में घरों व दियारे में बने डेरे में घुसने लगा है. किसान अपने मवेशियों को दियारे में डेरा बनाकर रखते थे. आज उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है और अपने जानवरों को डेरा से खोल कर बंधे पर शरण लिए हुए हैं. अब उन्हें जानवरों को खिलाने पिलाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

दियारे से चारे का जुगाड़ करना भी अब भारी पडने लगा है. नाव से लिलकर दियारे में चारा लाने गए ग्रामीण की नाव के पलट गई थी. इसके बाद अफरा तफरी मच गई. बडी मशक्कत के बाद वे किसी तरह से तैर कर बाहर निकले. जिस तरीके से सरयू के जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है, दियारे के बंधे कमजोर होते जा रहे हैं. इस दौरान खरीद गांव दियारा दरौली के हर्नाटर के दलित बस्ती में पूरी तरह से सरयू का जल प्रवेश कर जाने से लोग बंधे पर शरण लिए हुए हैं. सरयू के जलस्तर में हो रहे लगातार बढ़ाव से बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है.