मनबढ़ों की पिटाई से दुकानदार की मौत, दो बेटों की हालत गंभीर

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सिकन्दरपुर (बलिया)। सिकंदरपुर थाना क्षेत्र में गंधी मोहल्ला में सोमवार की सुबह आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने अंडा दुकानदार पर हमला कर दिया. इस वारदात में गंभीर रूप से घायल दुकानदार को जांच के बाद डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया. मारपीट में दुकानदार के दो भतीजे भी गंभीर रूप से घायल हैं. वहीं उसकी दुकान में तोड़-फोड़ भी की गई है. मृतक के पुत्र ने पुलिस को तहरीर दे दिया है. तहरीर मिलने के बाद पुलिस जांच में जुटी है.

सोमवार की सुबह मुर्शीद (50), उसका बेटा जाहिद (17) और तौहिद (20) अपने अंडे की दुकान पर बैठे थे. इसी दौरान नगर के ही एक ही परिवार के आधा दर्जन से अधिक मनबढ़ युवकों ने लाठी-डंडा से उस पर हमला कर दिया.

हमले में पिता-पुत्र तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए. हमलावरों के जाने के बाद आसपास के लोगों ने तीनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर पहुंचाया. वहां चिकित्सक ने मुर्शीद को मृत घोषित कर दिया, जबकि उसके दोनों पुत्रों का इलाज चल रहा है.

मामले की जानकारी के बाद स्थानीय थाने की पुलिस सीएचसी पहुंची और घायलों से मामले की जानकारी ली. सिकंदरपुर के थाना प्रभारी बालमुकुंद मिश्र के अनुसार, दो दिन पहले शनिवार को दोनों पक्षों में विवाद और मारपीट हुई थी. बाद में दोनों पक्षों ने सुलह-समझौता कर लिया था. उसी को लेकर आज दोबारा मारपीट हुई है. शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

गंधी मोहल्ला में शनिवार की शाम मोहल्ला निवासी एक युवक शराब के नशे में मोहल्ले के ही मुर्शीद की दुकान पर पहुंचा. उसने पांच रुपये की मांग की. मुर्शीद ने कहा कि अभी पैसे नहीं है. इसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई. इसके बाद उक्त शराबी युवक ने साथियों को बुला लिया और उन लोगों ने मुर्शीद व उसके भतीजे नईम को बुरी तरह से पीटा. नईम को काफी चोटें आईं.

पीड़ित परिवार के अनुसार मामले की जानकारी के बाद भी पुलिस ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए मुर्शीद व उनके दो लड़कों को पकड़कर चौकी पर बैठाए रखा. यदि पुलिस उसी समय सक्रियता दिखाई होती तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं घटित हुई होती. पुलिस ने बाद में दबाव डालकर इलाज के नाम पर कुछ पैसा दिलवाकर सुलह समझौता करा दिया. इससे मनबढ़ों का मन और बढ़ गया और उन्होंने सोमवार को दुकानदार पर हमला बोल दिया. मुर्शीद के बेटे ने बताया कि यदि पुलिस उस समय एक पक्षीय करवाई नहीं की होती तो शायद उसके पिता की जान नहीं गई होती.