अंबाला एयरबेस पर राफेल की लैंडिंग, बकवा गांव में जमकर आतिशबाजी

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बाँसडीह से रविशंकर पांडेय

बलिया जिले के बांसडीह तहसील का बकवा गांव आज मेनस्ट्रीम और सोशल मीडिया में सुर्खियों में है. वजह है राफेल विमान. जी हां, सात हजार किलोमीटर की यात्रा तय करके फ्रांस से पांच राफेल विमानों ने बुधवार दोपहर अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग कर ली है. सभी लड़ाकू विमानों ने दोपहर तीन बजे के बाद एयरबेस पर टचडाउन किया. गौरतलब यह है कि राफेल जब अंबाला एयरबेस की पट्टी को चूम रहा था, उन्हीं में एक लड़ाकू विमान की कमान बलिया के मनीष सिंह के हाथों में थी. बलिया जनपद के मनीष सिंह के गांव बंकवा में सुबह से मिठाइयां बट रही हैं. आतिशबाजी हो रही, लोग बाग जश्न में डूबे हैं. और गांव की चर्चा हर तरफ हो रही है.

5 राफेल लड़ाकू विमानों के पहले बैच के भारत पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्वागत मंी ट्वीट किया. प्रधानमंत्री ने अंबाला में राफेल के टच डाउन का वीडियो शेयर करते हुए संस्कृत में ट्वीट किया कि राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य, व्रत या यज्ञ नहीं होता. उन्होंने इंडियन एयर फोर्स के आदर्श वाक्य ‘नभः सदृशं दीप्तम्’ के साथ स्वागतम् भी लिखा.


गृह मंत्री अमित शाह ने भी राफेल के भारत आने को गर्व का क्षण करार दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘राफेल का टचडाउन हमारी ताकतवर एयर फोर्स के लिए ऐतिहासिक दिन है और भारत के लिए गौरव का क्षण है!



इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पांचों राफेल विमानों की अंबाला में सुरक्षित लैंडिंग हुई. उन्होंने कहा, ‘वायुसेना की ताकत में इससे क्रांतिकारी बढ़ोतरी होगी। सेना के इतिहास में नए युग की शुरुआत हुई है.’


आपको बता दें कि राफेल को फ्रांस से उड़ाकर भारत लाने वाले मनीष सिंह के पैतृक गांव में अलग-अलग अंदाज से खुशी जाहिर की जा रही है. पूरा गांव सुबह से ही खुसी से झूम रहा है. ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अरुण सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों युवाओं के साथ ही गांव की महिलाएं और बुज़ुर्ग भी इस खुशी में शामिल होने से नही चुके. वही मनीष की मां उर्मिला सिंह का कहना है कि बहुत खुशी हो रही है. मनीष की की चचेरी बहन अंजली की माने तो राफेल रक्षाबंधन पर भाइयों का गिफ्ट मिला है. आज मेरे भाई ने देश प्रदेश ही नहीं, अपने जिले व गांव का नाम फिर से रोशन कर दिया है.


साथ ही गांव में युवा, बुजुर्ग, सहित सभी ने मिल कर पटाखे फोड़ने के साथ ही एक दूसरे को मिठाई खिला कर खुशी का इजहार किया गया. मनीष दो भाई, दो बहन हैं. छोटे भाई अनुज, बबली, प्रिया मनीष के साथ बाहर ही रहते हैं. पिता मदन सिंह पूर्व सैनिक तथा बाबा पुण्यदेव सिंह भी पूर्व सैनिक हैं, वे गांव पर ही रहते हैं. बाबा पुण्यदेव सिंह ने कहा कि यह खुशी के क्षण हैं, मेरा आशीर्वाद है मनीष अपने जीवन में और तरक्की करे.

मनीष के घर शाम को होगी पूजा


हिन्दू धर्म आस्था का प्रतीक है. जैसे ही खुशियां मिलती हैं तो अपने अनुसार लोग पूजा पाठ की चर्चा करने लगते हैं. यही वजह है कि ग्रामीणों में खुशी इस कदर है कि शाम को मनीष के दरवाजे सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पूजा पाठ का आयोजन किया गया है. बँकवा गांव के लोगों का उत्साह आज बस देखते ही बन रहा था.

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अरुण सिंह का कहना है कि गांव का पहले भी गौरवपूर्ण इतिहास रहा है. इस गाँव के प्रथम तहसीलदार गजाधर शर्मा रहे. फौजियों की बात करें तो हर घर में देश के लिए सरहद पर तैनात जवान हैं. शहीदों का भी यह गांव है. और आज अम्बाला में राफेल लेकर पहुंचने वाला मेरे गांव का लाल मनीष ने हर को प्रफुल्लित कर दिया है

(इनपुट सहयोग एनसीआर से)