मंगलवार को बलिया में मिले 11 कोरोना पॉजिटिव

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बलिया। मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा जारी कोरोना हेल्थ बुलेटिन के अनुसार जिले में कोरोना संक्रमितो के 11 नये मामले सामने आए हैं. इसको लेकर संक्रमित मरीजों की संख्या 1440 हो गई है.

इनमें आज मंगलवार को चार संक्रमित स्वस्थ होकर घर लौट गए. अब तक 703 संक्रमित स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. जिले कुल एक्टिव केस 721 है. होम आइसोलेशन में 242 मरीज हैं. जबकि जेल आइसोलेशन में 228 मरीज. आज जो केस मिले, उनमे तिखमपुर में एक, रामपुर महावल में एक, सीएचसी बांसडीह में एक, सहतवार में दो, बांसडीह में एक, रेवती के वार्ड नं. 4 में दो, वार्ड नं. 13 में एक और सोहांव के पलिया खास में दो व्यक्ति संक्रमित मिले हैं.

हालत गंभीर होने पर पांच कोरोना पॉजिटिव बंदियों को आजमगढ़ भेजा गया

जेल के अंदर मिले कोरोना पाजिटिव बंदियों में पांच की हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने आजमगढ़ भेज दिया है. ये बंदी पहले से ही बीमार चल रहे थे. कोरोना पाजिटिव मिलने के बाद इनकी हालत गंभीर होने लगी. इस पर जेल प्रशासन ने चिकित्सकों की सलाह पर आजमगढ़ एल-2 अस्पताल में भेज दिया है. जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्या ने बताया कि इन बंदियों आजमगढ़ भेजने के बाद उनके परिवार वालों को सूचित कर दिया गया है.

कंटेन्मेंट जोन के नवजातों का फॉलोअप फोन के जरिए

कंटेन्मेंट जोन में निवास करने वाले नवजात शिशुओं का गृह आधारित नवजात देखभाल (एचबीएनसी) फॉलोअप आशा कार्यकर्ताओं द्वारा फोन के माध्यम से किया जाएगा. यह निर्देश परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ. मिथलेश चतुर्वेदी ने बलिया सहित प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर दिए हैं.

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. जितेंद्र पाल ने बताया कि पत्र में कहा गया है कि फोन के मध्यम से फॉलोअप में आशा स्वयं कम वजन वाले बच्चों या समय से पूर्व जन्मे बच्चों या सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) से डिस्चार्ज हुए बच्चों या घरेलू प्रसव को प्राथमिकता देते हुए सभी नवजात शिशुओं के परिवारों को परामर्श देंगी. वह ही शिशु के स्वास्थ्य (खतरे के लक्षण) जैसे- सुस्ती बेहोशी, छूने पर ठंडा, गर्म, स्तनपान आदि के बारे में पूछेंगी. यदि प्रसव अस्पताल में हुआ है तो जन्म के समय बच्चे के वजन के बारे में भी पूछेंगी. इस दौरान वह माँ और परिवार को प्रसव के बाद महिला व शिशु में होने वाले खतरे के लक्षणों के बारे में बताएंगी. उनसे पूछेंगी और इस बात का आंकलन करेंगी कि नवजात को संदर्भन की जरूरत तो नहीं है. वह माँ और परिवार को केवल स्तनपान, कपड़े में लपेट कर कंगारू मदर केयर के बारे में सलाह देंगी साथ ही में वह यह भी सलाह देंगी कि यदि नवजात में किसी तरह के खतरे के लक्षण दिखें तो वह आशा और ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनजर (बीसीपीएम) को सूचित करें और 102 एम्बुलेंस द्वारा वह बच्चे को संदर्भित कर आवश्यक सेवाएं दे. जिला सामुदायिक प्रक्रिया मैनेजर (डीसीपीएम) पुष्पेन्द्र सिंह शाक्य ने बताया कि नॉन कंटेन्मेंट जोन में एचबीएनसी का गृह भ्रमण आशाओं द्वारा सामजिक दूरी रखते हुए बिना स्पर्श किये हुए मास्क पहन कर एवं हाथों को उचित तरीके से साबुन व् पानी के साथ धोने से किया जाएगा. इस दौरान वह माँ और शिशु को नहीं छुएंगी. वह माँ और परिवार से ही शिशु के स्वास्थ्य (खतरे के लक्षण) जैसे- सुस्ती बेहोशी, छूने पर ठंडा, गर्म, स्तनपान आदि के बारे में पूछेंगी. साथ ही उपरोक्त बताई गयी सलाह को माँ और परिवार वालों को देंगी.

सीएचसी सुखपुरा को अस्थाई जेल में तब्दील किया जाएगा

इसी क्रम में जिले में अस्थाई जेल के रूप में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुखपुरा को बनाने की हरी झंडी प्रशासन ने दे दी है. जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने जेल स्टाफ की कमी को देखते हुए महानिरीक्षक कारागार, उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर अस्थाई जेल में आवश्यक स्टाफ की तैनाती का अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में शीघ्र जगह चिह्नित कर अस्थाई जेल संचालित करने के निर्देश दिए थे.

दरअसल, जिला जेल में क्षमता से अत्याधिक बंदियों के होने से काफी दिक्कत हो रही है. वहीं बंदियों व स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद नए बंदियों के लिए अस्थाई जेल बनाए जाने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया था. इसके लिए डीएम, एसपी, सिटी मजिस्ट्रेट तथा कारागार अधीक्षक ने सोमवार को कई स्थलों का निरीक्षण किया, जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुखपुरा को फाइनल किया गया. अब यहीं पर नए व हल्के अपराधी वाले बंदियों को कुछ सामान्य परिवर्तन के साथ रखा जाएगा.

जिलाधिकारी ने बताया कि सीएससी सुखपुरा पर अस्थायी जेल संचालन के लिए पुलिस अधीक्षक द्वारा सुरक्षा बल, पुलिस कांस्टेबल आदि उपलब्ध कराया जाएगा. लेकिन, कारागार अधीक्षक ने आंतरिक व्यवस्था के रूप में एक उप कारापाल, एक प्रभारी हेड जेल वार्डर, तीन गेटकीपर, 7 पुरुष जेल वार्डर व 3 महिला जेल वार्डर की आवश्यकता जताई. साथ ही यह भी बताया कि स्टाफ की कमी की वजह से कारागार प्रशासन की ओर से इस अस्थाई जेल के लिए कर्मियों को उपलब्ध करा पाना संभव नहीं है. इसके बाद जिलाधिकारी ने महानिरीक्षक कारागार को पत्र लिख आवश्यक स्टाफ की तैनाती का अनुरोध किया है.

जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जेल में कुल 812 कैदी हैं. इसमें कुल 224 बंदी पॉजिटिव मिले हैं, जिसमें एक महिला भी है. इसके अलावा 4 जेल स्टाफ भी पॉजिटिव मिले हैं. पॉजिटिव मिले बंदियों को जेल के कुल आठ बैरक में से तीन बैरक को आइसोलेशन सेंटर के रूप में बनाकर रखा गया है. इसके लिए मेडिकल टीम लगाई गई हैं. गंभीर मरीजों को एल-2 व एल-3 हॉस्पिटल में भेजे जाने की पूरी व्यवस्था है. बताया कि वर्तमान में जिला जेल में क्षमता से दोगुना बंदी हैं और कारागार में जलजमाव की भी समस्या है. ऐसे में पिछले वर्ष बंदियों को अन्यत्र जिलों में भेजना पड़ा था. इस वर्ष भी जलभराव की स्थिति हो रही है जिसे पंप लगाकर निकलवाया जा रहा है.