मंत्री जी का प्रोग्राम कैंसिल, कटानरोधी काम ‘फिर बैतलवा डाल पर’

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संकीर्तन नगर आश्रम (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र
बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र

मंत्री का आना कैंसिल होने के साथ ही बैरिया विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर करोड़ों की लागत से चल रहे गंगा के बाढ़ व कटान रोधी कार्य में लापरवाही बढ़ गई है. संबंधित गांवों के ग्रामीण इस बात को लेकर सशंकित हैं कि अगर पिछले साल दुबे छपरा रिंग बंधा वाला हस्र गंगापुर रामगढ़ क्षेत्र में हो गया और एनएच 31 टूट गया तो यहां प्रलय की स्थिति होगी. गंगा और घाघरा के बाढ़ का पानी एक दूसरे से मिल जाएगा. लाखों की आबादी प्रभावित होगी.

बताते चलें कि बैरिया विधानसभा क्षेत्र के नौरंगा में 8 करोड़ 93 लाख, दुबे छपरा गोपालपुर में 7 करोड़ 50 लाख, गंगापुर तेलिया टोंक और रामगढ़ में 8 करोड़ 30 लाख की लागत से पारकोपाइन, एप्रोन लॉन्चिंग कथा ठोकर आदि बनाकर गंगा के बाढ़ व कटान से सुरक्षा का कार्य चल रहा है. यूं तो यह कार्य अक्टूबर-नवंबर माह में ही शुरू हो जाना चाहिए था. मार्च में भी शुरू हुआ होता तो भी कुछ गनीमत होती, लेकिन यह कार्य बीते 11 जून से शुरू हुआ है. समय कम है. बरसात, बाढ़, कटान का सीजन शुरू हो गया है. यह कार्य अभी आधा भी पूरा नहीं हो पाया है. जबकि इन कार्यों को पूरा करने के लिए 15 जुलाई तक का दावा किया गया था.

बीते 6 जुलाई को इन कार्यों का निरीक्षण करने के लिए सिंचाई एवं जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के आने का कार्यक्रम सुनिश्चित हुआ था. तब एक सप्ताह तक मजदूर बढ़ाकर बड़े तामझाम के साथ बाढ़ व कटान रोधी कार्य में एकाएक बड़ी तेजी आ गई थी. लेकिन किन्ही कारणों बस मंत्री का कार्यक्रम स्थगित हो गया. मंत्री का कार्यक्रम स्थगित होते ही इन क्षेत्रों का कार्य वही पुराने ढर्रे पर चालू हो गया.

प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार और संबंधित विभाग अपनी पोल पट्टी छिपाने के लिए किसी तरह से पैठ बना कर मंत्री का कार्यक्रम निरस्त करा दिए. गंगा पार नौरंगा में चल रहा पारकोपाइन कार्य पूरा होने में बहुत समय लगेगा. गांव के विनोद ठाकुर, संजय ठाकुर का आज का कहना है कि जिस तरह से यहां काम चल रहा है वैसे तो किसी भी हालत में गांव सुरक्षित नहीं हो पाएगा. फिर पिछले साल की ही तरह हमें वार्ड व कटान का दंश झेलना पड़ सकता है. हो रहा कार्य भी संतोषजनक नहीं है.

सबसे खतरनाक स्थिति तो रामगढ़ तेलिया टॉप और गंगापुर में है. अगर गंगा में चल पड़ी और 2019 के दुबे छपरा रिंग बंध की तरह एनएच 31 टूटा तो यहां प्रलय की स्थिति होगी. कोई रास्ता नहीं सूझेगा. गंगा मां घाघरा दोनों के बाढ़ कटान की मार झेलनी पड़ सकती है. लाखों आबादी प्रभावित होगी. यहां जुटे लोगों ने बताया कि मंत्री का आना कैंसिल होने के बाद मजदूर घटा दिए गए हैं. किसी किसी दिन मजदूर भाग जाते हैं. आते हैं तो 12 बजे से काम शुरू करते हैं और शाम होते ही अपने घर जाने की जल्दी में पड़ जाते हैं. यहां भीषण लापरवाही है. किसी किसी दिन तो बरसात के वजह से भी काम बंद हो जाता है.

रामगढ़ तेलिया टोंक और गंगापुर में 20% भी काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. तयशुदा तिथि 15 जुलाई अब रही कितना दिन गई है. गोपालपुर में चल रहे पार कोपाइन पद्धति कार्य में ग्रामीण व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीण गोपालपुर ग्राम पंचायत के उदय छपरा गांव के बचने की उम्मीद ही छोड़ चुके हैं. कई लोग अपना बोरिया बिस्तर समेट कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं. घरों को गिरा कर ईट पत्थर सरिया आदि भी हटाकर सुरक्षित जगह पर ले जा रहे हैं.

इंटक जिलाध्यक्ष विनोद सिंह का आरोप है कि मंत्री आते तो यहां का हाल देखते. ठेकेदारों और विभागीय अधिकारियों द्वारा जानबूझकर कार्यक्रम स्थगित कराया गया. विभाग और ठेकेदारों की मंशा यही है कि बाढ़ का पानी बढ़ जाए तो सारा काम उसी में पूरा दिखा कर भुगतान उठा लिया जाए. उन्होंने तो आह्वान भी किया कि मंत्री जी यहां आकर यहां का हाल तो देख लें.