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बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह निहित स्वार्थ की पूर्ति नहीं होने पर बार-बार मुझे फर्जी मुकदमे में फंसवा रहे हैं. इससे मैं हमेशा मानसिक और शारिरिक रूप से तनाव में रह रहा हूं. कई बार मेरी जांच भी करवाई गई. मैं कहीं नहीं फंसा तो मुझ पर फर्जी मुकदमे होने लगे. यहां की पुलिस विधायक सुरेंद्र सिंह के हर नाजायज निर्देशों को जायज समझ कर मुझे प्रताड़ित कर रही है, जो उचित नहीं है. इसकी जांच होनी चाहिए.
शिवकुमार वर्मा मंटन (बैरिया नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि)
शिवकुमार वर्मा मंटन बैरिया थाने के निकट मेन रोड को जाम कर धरने पर बैठे थे. अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए बैरिया नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने कहा कि मुझे परेशान करके झुकाने का प्रयास किया जा रहा है, किंतु मैं टूट जाऊंगा, झुकूंगा नहीं. मांग किया कि बैरिया कोतवाल और चौकी इंचार्ज का तुरंत स्थानांतरण होना चाहिए.
गौरतलब है कि राशन की दुकान को लेकर बैरिया तहसील में हुई मारपीट में नौ लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज हुआ था. जिसमें शिवकुमार वर्मा मंटन का भी नाम शामिल है.
वही, दूसरे पक्ष से विधायक के पुत्र, भतीजा सहित 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाने की तहरीर दी गई थी. पुलिस द्वारा एफआईआर नहीं करने से नाराज समर्थकों के साथ अध्यक्ष प्रतिनिधि बुधवार को थाने का घेराव करने जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें रोक दिया. सभी लोग मुख्य सड़क को जाम कर सड़क पर अर्धनग्न होकर बैठ गए थे.
मौके पर मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक सजंय कुमार ने चौकी इंचार्ज को हटाने का आश्वासन दिया. कहा कि उनके पास एसएचओ को हटाने का अधिकार नहीं है. इसके बाद सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के अनुज पूर्व प्रमुख कन्हैया सिंह ने मौके से पुलिस अधीक्षक से बात की. आश्वासन मिला कि 24 घंटे के अंदर कोतवाल को हटा दिया जाएगा. इसके बाद धरना समाप्त हुआ.
इस मौके पर सीओ अशोक कुमार सिंह, बैरिया कोतवाल संजय त्रिपाठी, दोकटी अमित सिंह, रेवती शैलेश सिंह सहित बैरिया सर्किल के सभी थानों के एसएचओ व भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा. वही, अनिरुद्ध यादव, बैरिया के पूर्व प्रमुख राकेश सिंह, रामप्रकाश सिंह, श्याम सुंदर उपाध्याय उर्फ शामू उपाध्याय, प्रशांत उपाध्याय, धीरेंद्र सिंह बड़क, अशोक यादव, संतोष पासवान, बजरंगी सिंह, देश दीपक सिंह, प्रकाश मौर्य आदि शामिल थे.
बैरिया विधायक के पुत्र व भतीजा समेत 11 पर मुकदमा
बैरिया थाने पर बुधवार को धरना -प्रदर्शन के बाद पुलिस ने भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह के पुत्र विद्याभूषण सिंह, भतीजा चंद्रभूषण सिंह के अलावा अजय सिंह, राहुल सिंह, राम प्रकाश यादव बंड, मंजीत सिंह व सुनील सिंह (निवासी बैरिया) तथा जयप्रकाश मिश्र (निवासी माधो मिश्र के टोला), शमशेर बहादुर सिंह (मिश्र के मठिया) के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. बैरिया निवासी अनिल कुमार राठौर ने दो दिन पूर्व अपने साथ मारपीट करने व जातिसूचक शब्दों का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए तहरीर बैरिया थाने में दिया था.
मेरे बेटे और भतीजे को षडयंत्र करके फर्जी मुकदमा दर्ज कराने से मैं विचलित होने वाला नहीं हूं. चाहे पूरा जीवन जेल में बीत जाए. द्वाबा में अनाचारी, अत्याचारी व भ्रष्टाचारियों का विरोध पूरे दमखम के साथ करता रहूंगा. किसी गरीब, कमजोर पर जुल्म नहीं होने दूंगा. उसके मान-सम्मान और संपत्ति की रक्षा के लिए वह सब कुछ करूंगा, जो मेरे लिए संभव है.
सुरेंद्र सिंह (बैरिया विधायक), बुधवार को बैरिया डाक बंगला में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए
बैरिया विधायक ने कहा कि जिसे मैंने बड़ा भाई कहा, जिसे यहां से जीताने के लिए जी-जान लगा दिया, वह आदमी षडयंत्र कर मेरे भतीजे और बेटे पर फर्जी एफआईआर करवा रहा है. अगर मैं भी चाहता तो उनके पुत्र व उनके भाई पर एफआईआर करवा सकता था, किंतु बड़ा भाई कहा है तो उनका पुत्र मेरा भतीजा हुआ. इसलिए मैं ऐसा गंदा काम नहीं कर पाऊंगा. यह मेरे संस्कार में नहीं है. जब तक जिंदा हूं, उनके गलत कामों का विरोध करता रहूंगा. चाहे इसके लिए मुझे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े. मैंने जनता की सेवा का संकल्प लेकर चुनाव लड़ा था. साइकिल पर चलने वाले व्यक्ति को यहां के लोगों ने विधायक बना दिया. मैं अपने संकल्प से विचलित कैसे होऊंगा. कार्यकर्ताओं की मान-सम्मान के साथ मैं खिलवाड़ नहीं होने दूंगा, क्योंकि वही मेरी पूंजी है. मैं जो कछ भी हूं, उन्हीं के बदौलत हूं.
इस अवसर पर मनोज पासवान, धनंजय सिंह, कामेश्वर तिवारी, भाजयुमो के हरि सिंह, अभय सिंह पहलवान, विनोद यादव, ददन भारती, जितेंद्र मिश्र, उपेंद्र सिंह, रणधीर सिंह नन्हें, रवींद्र सिंह गणेश, मूटन राय सहित दर्जनों लोगों ने संबोधित किया.
गौरतलब है कि सोमवार को बैरिया तहसील में राशन की दुकान के विवाद में हुई मारपीट में नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शिवकुमार वर्मा मंटन सहित नौ लोगों पर विभिन्न धाराओ में मुकदमा दर्ज हुआ था.
इसके बाद दूसरे पक्ष से विधायक सुरेंद्र सिंह के पुत्र, भतीजे व नौ अन्य लोगों पर तहरीर दी गई. इसके विरोध में विधायक के समर्थक डाक बंगला में जुटे थे और पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर रहे थे. उनका कहना था कि विधायक के पुत्र और भतीजा का इस घटना से दूर-दूर तक संबंध नहीं है. फिर भी राजनीतिक षडयंत्र के तहत उन पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई.
क्या बोले अफसर
बैरिया डाक बंगले में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष विधायक सुरेंद्र सिंह ने नगर पंचायत से संबंधित कई शिकायत की. इस पर एसडीएम सुरेश पाल ने मौजूद लोगों को आश्वस्त किया कि मेरे संज्ञान में गलत कार्य नहीं हो सकता. रही बात नगर पंचायत में शिकायतों की तो उसकी जांच करवाई जाएगी. वहीं दोनों तरफ से हुए दर्ज एफआईआर की बात करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने आश्वस्त किया कि विवेचना के दौरान घटना में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और निर्दोष को फंसाया नहीं जाएगा.