आठ नए संक्रमितों की पुष्टि के बाद बलिया में मरीजों की संख्या 98 हुई

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बलिया। जनपद में मंगलवार को आठ नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं. जिलें में कुल मरीजों की संख्या अब 98 हो गई है.

जिले में अब तक कुल 90 पॉजिटिव केस थे. इसमे से 61 स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. उन्हें होम क्वॉरंटीन रहने की सलाह दी गई है. सीयर ब्लाक में चार, रेवती में एक, बेलहरी में एक, रतसर में एक, मुरली छपरा में एक पॉजिटिव केस मिला है. मुरलीछपरा में बाबू के शिवपुर, बेलहरी में बड़की बेलहरी, गड़वार में बघेजी, सीयर के पिपरौली बड़ा गांव और सरया डीहू भगत में एक एक और सीयर के ही अवैया में दो कोरोना संक्रमितों की पु्ष्टि हुई है. जनपद में अब तक 3899 संदिग्धों के सेंपल लिए गए हैं. इनमें 3540 की जांच रिपोर्ट निगेटिव रही है, जबकि 262 सैंपल अभी प्रक्रियारत हैं.


नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए


बासंडीह से रविशंकर पांडेय ने बताया कि प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सपा नेता राम गोविंद चौधरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. राम गोविंद चौधरी ने तबीयत खराब होने के बाद लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में कोरोना की जांच कराई. वहां पर सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनको मेदांता में भर्ती कराया गया था. आज उनको संजय गांधी पीजीआई के कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा रहा हैं.

राम गोविंद चौधरी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी और पहली बार वह 1977 में चिलकहर विधानसभा सीट से जीतकर आए थे. 2002 में जब वह समाजवादी जनता पार्टी से विधायक चुने गए तो उन्होंने मुलायम सिंह का दामन थामा और उनके साथ लंबे समय तक अपनी सियासी पारी को आगे बढ़ाया. बांसडीह से भी वह तीसरी बार विधायक हैं और वर्तमान समय में राम गोविंद चौधरी उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं.


आप को बता दें कि इससे पहले सपा पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. धर्मेंद्र यादव की 11 जून से तबीयत खराब हुई थी. 13 जून को सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव लखनऊ को आए थे. इस दौरान पूर्व सांसद को कुछ दिक्कत महसूस हुई तो केजीएमयू पहुंच कर उन्होंने कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया. इसके बाद धर्मेंद्र यादव सैफई निकल गए. शाम को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें सैफई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया.

 


उत्तर प्रदेश के 14 रेलवे स्टेशनों पर कोविड केयर रेलवे कोच तैनात


पूर्वोत्तर रेलवे ने उत्तर प्रदेश के 14 रेलवे स्टेशनों पर कोविड केयर रेलवे कोच खड़े किए हैं. प्रत्येक स्टेशन पर कोविड-19 के संदिग्ध रोगियों के लिये दस-दस कोच लगाये गये है, जबकि डाक्टरों व नर्सिंग स्टाफ के लिये एक-एक अतिरिक्त एसी कोच और सामान आदि रखने के लिये एक एसएलआर कोच लगाया गया है. प्रदेश के मऊ जिले में इन कोविड केयर कोच में संदिग्ध रोगियों की भर्ती भी शुरू हो गई है. मऊ स्टेशन पर अब तक 59 संदिग्ध रोगी भर्ती किये गये थे, जिनमें से 20 को उपचार के बाद छुटटी भी दे दी गयी है. मंगलवार को इन ‘आइसोलेशन कोविड केयर कोच’ में 39 रोगी भर्ती हैं. इन रोगियों की देखभाल, चिकित्सा उपचार और खाने पीने का इंतजाम उप्र सरकार कर रही है.


उप्र शासन के निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे ने प्रदेश के चौदह रेलवे स्टेशनों पर दस-दस कोविड केयर कोच, एक-एक एसी कोच और एक-एक एसएलआर पार्सल कोच खड़े कर दिये हैं. इन रेलवे स्टेशनों में मऊ, गोरखपुर, वाराणसी शहर, गोंडा, बरेली शहर, मडुवाडीह, बलिया, गाजीपुर शहर, आजमगढ़, नौतनवा, फर्रूखाबाद, भटनी (देवरिया), बहराइच और कासगंज है, इसके अलावा देवरिया सदर के लिये लाया गया कोच अभी भटनी में खड़ा है, जल्द ही इसे देवरिया सदर स्टेशन पर लगा दिया जायेगा, तब यह संख्या 14 से बढ़ कर 15 हो जायेगी.


पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे


प्रत्येक आइसोलेशन कोच में आठ-आठ केबिन हैं और एक केबिन में दो-दो संदिग्ध मरीज रखे जा सकते हैं. इस तरह एक कोच में 16 रोगी और एक रेलवे स्टेशन पर एक साथ 160 रोगी रखे जा सकते हैं. प्रत्येक केबिन में खिड़कियों पर मच्छरदानी लगी है और पंखे और लाइट की समुचित व्यवस्था है. सुरक्षा व सफाई मोर्चे पर खुद रेलवे प्रशासन मुस्तैद है, जबकि चिकित्सा से जुड़ी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी जिला स्वास्थ्य विभाग की है. कोच तक पहुंचने के लिए अलग से रास्ता आरक्षित किया गया है, ताकि आमजन वहां ना पहुंचें. इसी विशेष रास्ते का उपयोग चिकित्सा टीम व अन्य कर्मचारी भी करेंगे.



सीपीआरओ पंकज सिंह ने बताया कि अभी तक केवल मऊ में इन आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल किया जा रहा है. मऊ में कोविड केयर आइसोलेशन कोच में 20 जून को जिला प्रशासन ने कोविड-19 के 42 संदिग्ध रोगी और 21 जून को 17 लोग को भर्ती किया था. जिनमें से 20 रोगी को 22 जून को छुट्टी दे दी गई, जबकि 39 संदिग्ध रोगी अभी भी कोच में भर्ती हैं. उन्होंने बताया कि सभी रोगियों का उपचार स्वास्थ्य विभाग कर रहा है, रेलवे ने केवल आइसोलेशन कोच उपलब्ध करायें है. सीपीआरओ ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे ने 217 कोच को कोविड केयर कोच के रूप में परिवर्तित कर लिया है, सरकार जहां मांग करेगी, इन कोचों को उपलब्ध करा दिया जायेगा.