दो और कोरोना पॉजिटिव केस बलिया में मिले, 59 मरीज स्वस्थ हो लौटे घर

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बलिया। जिले में मंगलवार को दो और कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इनसे से एक प्रवासी है, जो कोलकाता से आया था. जिले में अब संक्रमितों की संख्या 66 हो गई है. इनमें से 59 स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. सक्रिय मामले 7 हैं.  नए कोरोना केस आने के बाद जिले में हॉटस्पॉट संख्या 41 हो गई है.

दुबहर ब्लॉक के नगर से सटे अमृतपाली मौजा के रहमत नगर और नवानगर के जजौली गांव निवासी युवक की जांच रिपोर्ट मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव आई है

-श्रीहरि प्रताप शाही, जिलाधिकारी, बलिया

दुबहर ब्लाक बलिया सिटी से सटे अमृतपाली (रहमतनगर) में एक और नवानगर ब्लाक के जजौली गांव में एक पॉजिटिव केस मिला है.

-डॉ एके मिश्र, जिला सर्विलांस प्रभारी, बलिया

अमृतपाली मौजा के रहमत नगर निवासी व्यक्ति सात जून को पॉजिटिव मिले युवक का पिता हैं. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें एल-1 अस्पताल बसंतपुर ले जाने की कार्रवाई की जा रही है. नए कोरोना केस आने के बाद जिले में हॉटस्पॉट संख्या 41 हो गई है.

मंगलवार को एक बार फिर राहत भरी खबर आई, जब बसंतपुर स्थित अस्पताल में भर्ती कोरोना के 7 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर चले गए. इस तरह अब एक्टिव केस की संख्या मात्र सात रह गयी है. मंगलवार को इन सात मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई, जिसके बाद उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. बता दें कि जिले में कुल 66 मामले सामने आए हैं, जिनमें 59 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर चले गए हैं.

बारह डिब्बे वाली कोविड-19 ट्रेन का डीएम ने लिया जायजा

काजीपुरा जल निकासी के लिए हो रहे कार्य का किया निरीक्षण

कोविड-19 मरीजों के लिए अगर जरूरत पड़ी तो ट्रेन की बोगियों में आइसुलेट करने की सुविधा रेलवे ने दी है. रेलवे में कुछ बोगियों को आईसुलेशन केंद्र के रूप में बनाया है. ऐसी ही एक ट्रेन बलिया रेलवे स्टेशन पर पहुंची है, जिसमें 12 डिब्बे हैं.

जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन कुमार जैन और सीएमओ डॉ पीके मिश्रा के साथ रेलवे स्टेशन पर पहुंच ट्रेन का जायजा लिया. उन्होंने सीएमओ से कहा कि चिकित्सकीय व्यवस्था के मद्देनजर पूरी ट्रेन में भ्रमण कर देख लें. स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइन पर रेलवे ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए आइसोलेट केंद्र के रूप में तैयार किया है. इस मौके पर संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन, डिप्टी कलेक्टर सर्वेश यादव, स्टेशन अधीक्षक संजय सिंह समेत रेलवे के अन्य अधिकारी व कर्मचारी साथ थे.

छोटी -छोटी सावधानियों को अपनाकर ही हम सब बन सकेंगे सुरक्षित – सीएमओ

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लम्बे समय से बंद चल रहे बहुत से सरकारी व निजी कार्यालय खुल गए हैं. आखिरकार जब यह मान ही लिया गया है कि कोरोना के खिलाफ जंग अभी लम्बी चलनी है, तो ऐसे में हमें खुद के साथ ही दूसरों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए एक अलग रंग-रूप में अपने काम पर जाने की जरूरत है. इसके लिए जरूरी है कि अपनी पुरानी आदतों में बदलाव लाना होगा, जैसे- साथियों से हाथ मिलाने या गले लगने की आदत को भूलना होगा और “नमस्ते” से काम चलाना पड़ेगा. काम के दौरान इसी तरह की कई अन्य छोट-छोटी सावधानियों को अपनाकर ही हम सब सुरक्षित बन सकेंगे. यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रीतम कुमार मिश्र ने दी.

उन्होंने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बारे में जरूरी निर्देश जारी किये हैं. सीएमओ ने बताया कि कार्यालय अगर दूसरी-तीसरी मंजिल पर है तो युवा और सक्षम लोग सीढि़यों का ही इस्तेमाल करें, सीढ़ि‍यों की रेलिंग को पकड़कर चलने से बचें. इससे लिफ्ट में जहाँ अनावश्यक लोड नहीं बढ़ेगा वहीँ एक दूसरे से उचित दूरी का पालन भी हो सकेगा. इन बदली परिस्थितियों में भोजन-पानी घर से ही ले जाना फायदेमंद होगा. इसके अलावा घर से कुछ फल व बिस्कुट आदि भी ले जा सकते हैं, ताकि बाहर से मंगाकर कुछ न खाना पड़े और आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बनी रहे. लंच सभी के साथ बैठकर करने से बचें.

कार्यालय के दरवाजे खोलने के लिए संभव हो तो कोहनी का ही प्रयोग करें क्योंकि लोगों द्वारा बार-बार दरवाजों को खोलने- बंद करने से उनमें वायरस का खतरा अधिक रहता है. वर्क स्टेशन, कॉरिडोर, लिफ्ट, सीढ़ियों, पार्किंग स्थलों, मीटिंग रूम, कांफ्रेंस हाल आदि को सेनेटाइज करने की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए. कार्य अवधि में समय- समय पर साबुन-पानी से हाथ धुलें या सेनेटाइजर से साफ़ करें. कार्यालय में कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था भी कुछ इस तरह की जाए कि एक दूसरे से उचित दूरी यानि दो गज की दूरी बनी रहे. कार्यालय में मीटिंग के दौरान भी सोशल डिस्टेन्सिंग का पूरी तरह पालन किया जाए, यदि जगह कम है तो एक साथ सभी की मीटिंग न करके टुकड़ों में की जाए. इसके लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग भी सही रहेगा.

मास्क ऐसा पहनें जो तकलीफदेह न हो

सीएमओ ने बताया कि मास्क से मुंह व नाक को ढककर ही अब बाहर निकलना है और दफ्तर में कार्य के दौरान भी इसका इस्तेमाल करना है तो कुछ इस तरह के मास्क, गमछा, रुमाल या स्कार्फ का चयन करें जो कि उलझन पैदा करने वाला न हो ताकि बार-बार छूने या उतारने से बचा जा सके. इसके लिए ऐसे साफ़ सूती (काटन) कपड़े से बने मास्क का उपयोग किया जा सकता है जो कि मुंह और नाक को अच्छे से कवर कर सके और उलझन भी न पैदा करे. इसे आसानी से घर पर भी बनाया जा सकता है. इसे अच्छी तरह से धुलकर दोबारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि गमछा, रुमाल या स्कार्फ का इस्तेमाल कर रहे हैं तो वह भी कॉटन का हो, इसके साथ ही पूरी तरह से साफ़ होना चाहिए और उसे दो-तीन परतकर इस तरह बांधे कि कार्य के दौरान किसी तरह की तकलीफ न महसूस हो.

मूल मन्त्र का करें पालन


–अभिवादन के लिए “नमस्ते” करें
–युवा व सक्षम सीढियों का प्रयोग करें
–लिफ्ट में एक दूसरे से उचित दूरी बनी रहे या एक समय में एक ही व्यक्ति इस्तेमाल करे.
–प्रवेश द्वार पर हाथ साफ़ करने की व्यवस्था हो
–थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था हो
–दरवाजे संभव हो तो कोहनी से खोलें
–कार्य अवधि में साबुन-पानी या सेनेटाइजर से हाथ को साफ़ रखें
–कार्यालय के कारिडोर में खड़े होने से बचें
–तम्बाकू या मसाला का सेवन न करें न किसी से शेयर करें.
–अपना फोन किसी अन्य साथी को बात करने के लिए न दें
–भोजन-पानी व फल घर से ले जाएँ, साथ बैठकर लंच करने से बचें
–कार्यालय में थूकना पूरी तरह से वर्जित रहेगा.
–कर्मचारी आरोग्य सेतु एप डाऊनलोड करें
–खांसते-छींकते वक्त रुमाल/टिश्यू पेपर का प्रयोग करें, टिश्यू पेपर बंद डस्टबिन में डालें
–पार्किंग स्थल और बाहर भीड़ न जमा होने पाए

स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी अस्पताल के डॉक्टरों को मिले पीपीई किट व एन-95 मास्क

आयुष्मान भारत के अंतर्गत आने वाले निजी अस्पताल के चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीपीई किट और एन-95 मास्क दिया गया.

संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन ने सभी डॉक्टरों को जिला प्रशासन की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया. कहा, कोरोना काल में फोन से चिकित्सकीय सलाह देने के लिए हमेशा उपलब्ध रहकर आप सभी ने जनसेवा की है. निश्चित रूप से इससे कई लोगों को लाभ हुआ.

इस दौरान संयुक्त मजिस्ट्रेट व सीएमओ डा पीके मिश्रा ने महावीर हॉस्पिटल के डॉ विनोद सिंह, मां चैरिटेबल हॉस्पिटल के डॉ पीके सिंह, सत्या हॉस्पिटल के डॉ अजीत सिंह, डॉ एमके सिंह, डॉ एके सिंह, डॉ बीके गुप्ता, डॉ जितेंद्र सिंह, डॉ आरवी पांडेय आदि को पीपीई किट व मास्क दिए. सभी चिकित्सकों ने भी इसके लिए आभार जताया. इस मौके पर आयुष्मान भारत के डीजीएम अनुपम सिंह व अन्य कर्मी मौजूद रहे.